December 23, 2024

शांति का मतलब तालिबान के साथ सत्ता बंटवारा नहीं, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति की दो टूक

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शांति का मतलब तालिबान के साथ सत्ता बंटवारा नहीं, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति की दो टूक

काबुल
तालिबान के साथ जारी शांति समझौते को लेकर के राष्ट्रपति ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने दो टूक लहजे में कहा कि अफगानिस्तान में शांति का मतलब सत्ता साझा करने का राजनीतिक सौदा नहीं है। उन्होंने कहा कि यह लोगों की इच्छाओं को पूरा करना है जो युद्धग्रस्त देश में हिंसा और खूनखराबा खत्म करना चाहते हैं।

अफगानिस्तान वापस उठ खड़ा होगा
काबुल में रविवार को आशुरा या मोहर्रम के 10वें दिन अशरफ गनी ने कहा कि शांति से मत डरिए, क्योंकि शांति का मतलब सत्ता साझा करने का राजनीतिक सौदा नहीं है। हर कोई देश में हिंसा को समाप्त होते देखना चाहता है। दुश्मन चाहे देश को कितना ही नुकसान क्यों न पहुंचाने की कोशिश कर लें, अफगानिस्तान वापस उठ खड़ा होगा।

अगले सप्ताह तालिबान के साथ होगी बैठक
उनकी टिप्पणी राष्ट्रीय सुलह के लिए अफगान उच्च परिषद के अध्यक्ष अब्दुल्ला अब्दुल्ला के यह कहने के बाद आई है कि काबुल सरकार और तालिबान के बीच बहुप्रतीक्षित अंतर-अफगान वार्ता अगले सप्ताह शुरू होगी। अब्दुल्ला वर्तमान में देश के प्रधानमंत्री हैं। यह परिषद उस 21 सदस्यीय वार्ता दल से इतर है जिसका गठन गनी ने मार्च में किया था। परिषद ही उन बिंदुओं पर अंतिम फैसला लेगी जिन पर वार्ता दल तालिबान के साथ बातचीत करेगा।

तालिबान के साथ समझौते पर मुहर लगाएगी यह परिषद
यह परिषद अंतिम तौर पर यह बताएगी कि क्या सरकार तालिबान के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर करेगी अथवा नहीं। राष्ट्रीय सुलह के लिए गठित उच्च स्तरीय परिषद में वर्तमान एवं पूर्व राजनीतिक हस्तियां शामिल हैं। इसमें नौ महिला प्रतिनिधि भी शामिल हैं। गनी ने पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई को भी परिषद में नामित किया था लेकिन हामिद ने रविवार को बयान जारी कर इसका हिस्सा बनने से इनकार करते हुए कहा कि वह किसी भी सरकारी ढांचे का हिस्सा बनने को तैयार नहीं हैं।

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