चीन से तनातनी के बीच इंडियन नेवी और रूस की नौसेना के बीच युद्धाभ्यास
ईस्टर्न लद्दाख में भारत-चीन तनाव (India-China Standoff in Eastern Ladakh) के बीच भारत ने रूस में हो रही स्ट्रैटजिक कमांड पोस्ट एक्सरसाइज में जाने से तो मना कर दिया लेकिन अब इंडियन नेवी और रूस की नेवी हिंद महासागर में युद्धाभ्यास कर सकते हैं। इंडियन नेवी सूत्रों के मुताबिक 4 और 5 सितंबर को यह युद्धाभ्यास होना है और इसके लिए रूस को इनवाइट भेजा गया है। उम्मीद है कि वह इसे स्वीकार कर लेगा। नेवी के एक अधिकारी के मुताबिक अभी तक आधिकारिक तौर पर रूस से जवाब नहीं आया है।
नेवी सूत्रों के मुताबिक रूस नेवी के साथ यह युद्धाभ्यास इंडियन ओशन रीजन (हिंद महासागर) के पूर्वी हिस्से में होगा। इसमें दोनों नेवी के तीन-तीन वॉरशिप शामिल हो सकते हैं। जब यह युद्धाभ्यास हो रहा होगा तब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मॉस्को में होंगे। वह कल मॉस्को रवाना हो रहे हैं। वहां वह शंघाई कॉपरेशन ऑर्गनाइजेशन के रक्षा मंत्रियों की मीटिंग में शामिल होंगे। जब से लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर चीन के साथ तनाव शुरू हुआ है, तब से यह रक्षा मंत्री का दूसरा रूस का दौरा है।
भारत ने Kavkaz 2020 से क्यों किया किनारातीन दिन पहले ही भारत ने 15 सितंबर से 27 सितंबर तक रूस में होने वाली Kavkaz 2020 स्ट्रैटजिक कमांड पोस्ट एक्सरसाइज में जाने से मना किया है। आधिकारिक वजह तो कोविड-19 को बताया गया लेकिन भारतीय सेना के सूत्रों के मुताबिक चीन भी एक्सरसाइज का हिस्सा है और भारत नहीं चाहता कि एलएसी में तनाव के बीच भारत के सैनिक चीन के साथ एक्सरसाइज करें। इस एक्सरसाइज के लिए शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन के देशों के अलावा ईरान, टर्की सहित करीब 18 देशों को शामिल होने के लिए इनवाइट भेजा गया है।
एलएसी पर तनाव के बीच जुलाई में इंडियन नेवी और यूएस नेवी ने मिलकर युद्धाभ्यास किया था। इस युद्धाभ्यास को पासेक्स नाम दिया गया। पासेक्स यानी पासिंग एक्सरसाइज। उस वक्त अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस निमित्ज भारतीय समुद्री सीमा में था और इंडियन नेवी अंडमान-निकोबार तट पर युद्धाभ्यास कर रही थी।