फ्रॉड फैमिली गिरफ्तार, तंत्र-मंत्र का झांसा देकर लोगों से करते थे ठगी
ग्वालियर| ग्वालियर में करोड़ों रुपए की ठगी कर गायब हुए ज्योतिषाचार्य मनोज शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है. मनोज के साथ पुलिस ने उनके बेटे प्रफुल्ल शर्मा और बेटी साक्षी को भी गिरफ्तार किया है. जानकारी के अनुसार इन सभी को उज्जैन से गिरफ्तार किया गया है. वहीं ग्वालियर पुलिस का दावा है कि इन्हें शहर से ही पकड़ा गया है.
ज्योतिषाचार्य का पूरा परिवार शहर के बड़े व्यापारियों, कारोबारियों, डॉक्टरों, इंजीनियरों और बड़े राजनेताओं को अपना शिकार बनाता था. ज्योतिषाचार्य अपने परिवार के साथ मिलकर तंत्र-मंत्र और ज्योतिषी कला के जरिए बड़े लोगों के साथ पैठ बनाते थे. इसके बाद कारोबार में मंदी दूर करने का झांसा देते थे. एक बीजेपी नेता से ज्योतिषाचार्य ने बालाघाट में खदानों में पार्टनर बनाने का झांसा देकर 70 लाख रुपए की ठगी की है. वहीं विदेश से आए इंजीनियर से 54 लाख रुपए के गहने भी ठगे हैं. पुलिस मामले में ज्याोतिषाचार्य से पूछताछ कर रही है.
पूरा परिवार मिलकर करता था ठगी
शातिर ज्योतिषाचार्य मनोज शर्मा तानसेन नगर में रहता है. उसके ठगी के काम में पत्नी वर्षा शर्मा, बेटा प्रफुल्ल शर्मा, बटी साक्षी शर्मा भी शामिल हैं. मनोज की पैठ शहर के बड़े-बड़े व्यापारियों और नेताओं के साथ थी. मनोज पर पड़ाव थाने में 3 मामले दर्ज हैं. साथ ही शहर के अन्य थानों में और मामले भी दर्ज किए गए हैं.
पत्नी की हुई मौत
पड़ाव पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम ने ज्वाइंट ऑपरेशन में मनोज को गिरफ्तार किया है. पूछताछ में मनोज ने बताया कि उसकी पत्नी की मौत हो गई है. मनोज और उनके बेटे पर 5 हजार रुपए और बेटी पर 10 हजार रुपए का इनाम घोषित था. पिछले डेढ़ साल से मनोज का परिवा मालवा के उज्जैन, इंदौर में गुजारा कर रहा था.
ऐसे जाल में फंसाता था
मनोज ज्योतिषी का काम करता था. लोग मनोज से जब अपनी विपदाओं का समाधान मांगने आते तो वो इनके साथ ठगी करता था. जानकारी के अनुसार मनोज लोगों को साधार कांच के टुकड़े से बने मोती को 11 कैरेट का मोनोजाइट नग बताकर गंगा में बहाने के लिए कहता. फिर अपने की जानकारों को कॉल कर कुछ अच्छा करने के लिए कहता. ऐसे मनोज लोगों को अपने जाल में फंसाता था. इसी के साथ बालाघाट में अपनी खदान में पार्टनर बनाने का झांसा देकर भी मनोज लोगों के साथ ठगी करता था. इसके अलावा पुश्तैनी गहनों और घरों में दोष बताकर भी शातिर ठगी को अंजाम देता था. कई लोग ठगे जाने के बाद भी शर्म के चलते एफआईआऱ दर्ज नहीं कराते थे.