VIDEO: ग्रामीण क्षेत्र में BSF कैंप खुलने पर ग्रामीणो ने किया अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन, सैकड़ों की संख्या में मौजूद हैं ग्रामीण…. ये ग्रामीणो की माँग हैं या नक्सलियों की चाल? पढ़ें पूरी खबर
कांकेर: कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा विकासखंड में प्रतापपुर से कोयलीबेड़ा मार्ग पर करकाघाट और कामतेड़ा में दो बीएसएफ कैंप खोले जाने का अनिश्चित कालीन धरना का आज तीसरा दिन है। ग्रामीण धरना स्थल में ही रात गुजारा कर रहे है। क्षेत्र के 68 ग्राम पंचायत के 103 गांवों के हजारों की संख्या में ग्रामीण एकजुट हुए है।
बता दे कि ग्रामीण का आरोप है जिस जगह BSF का नवीन कैम्प खोला गया यह वाह आदिवासियों का देवस्थल है। धरना स्थल में प्रदर्शनकारी सहदेव उसेंडी कहते है हमे कैम्प से कोई दिक्कत नही लेकिन जिस जगह कैम्प खोला गया है वाह देव स्थल है पदल परगना के कई गांवों के लोग वाह इकट्ठा होते है। इससे हामरे समुदाय के।धर्मिक भावनाएं आहत हो रही है। ग्रामीणों की मांग है कि यहां से बीएसएफ कैम्प को हटाया जाए। बता दे कि सर्व आदिवासी समाज एवं एसटीएससी, ओबीसी समाज के बैनर तले ग्रामीणों ने 17 दिसम्बर से विरोध शुरू किया है।
विदित हो कि सरकार ने नक्सली गतिविधियों पर अंकुश लगाने के साथ सालों से लंबित पड़े प्रतापपुर-कोयलीबेड़ा मार्ग पर सड़क और पुल पुलिया निर्माण कार्य मे तेजी लाने इस मार्ग पर कामतेड़ा और कटगांव करकाघाट में 29 नवंबर को बीएसएफ कैप शुरू किया है। गांव के लोगों का कहना है जहां कैप खोला गया है वह देवस्थल है।
देवस्थल में कैप खोलने को अनुचित बताते हुए 17 दिसंबर से ग्रामीणों ने कैप के सामने ही धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है जब तक कैप हटाया नहीं जाता तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा। धरना स्थल पर ग्रामीण राशन पानी लेकर पूरी तैयारी से पहुंचे हैं। ग्रामीण अपने साथ राशन, बर्तन के अलावा कपड़े आदि लेकर पहुंचे हुए हैं जिससे संभावना है धरना लंबा चलेगा….।
वही पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कैप क्षेत्र में सुरक्षा को और मजबूत करने खोले गए हैं। कैप ग्रामीणों के हित में हैं। कैप खुलने से क्षेत्र का विकास होगा तथा सालों से लंबित सड़क तथा पुल पुलिया निर्माण कार्य में तेजी आएगी।