मेरी याचिका में आपत्ति प्रस्तुत करने सर्वोच्च न्यायालय भी पहुँच गए विरोधी – अमित
रायपुर – जनता काँग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश अमित जोगी ने कहा कि मेरे और मेरी पत्नी की जाति का फैसला भूपेश बघेल की अदालत में नहीं बल्कि जनता की अदालत में ही होगा। अगर 17 अक्टूबर 2020 को नामांकन पत्रों की छानबीन के दौरान मुख्यमंत्री के इशारे पर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में काम कर रहे जिला निर्वाचन अधिकारी डोमन सिंह के द्वारा मेरी या मेरी पत्नी का नामांकन पत्र निरस्त किया जाता हैं, तो मैं तत्काल उपचुनाव की पूरी प्रक्रिया को रद्द करवाने तथा सभी दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्यवाही हेतु न्यायालय की शरण में जाऊंगा और छत्तीसगढ़ की ढाई करोड़ जनता की अदालत में भी मैं अपने पिता जी के स्वर्गवास के बाद मेरे परिवार के साथ हो रहे सौतेले व्यवहार को लेकर उनसे न्याय माँगने जाऊंगा।
अमित जोगी ने कहा सरकार की बहुत बड़ी गलतफहमी है कि मेरे पिता के स्वर्गवास के बाद मैं अनाथ और असहाय हो गया हूँ। मेरे सिर पर मरवाही के ढाई लाख लोगों का पांच लाख हाथ लोगों का आशीर्वाद है और इसी डर से सरकार ने वहां अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।
अमित जोगी ने जानकारी दी कि उनके द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायलय में लगाई गई याचिका पर आज रेजिस्ट्रार जेनरल ओफ़ इंडिया के समक्ष प्रारम्भिक सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान छत्तीसगढ़ सरकार, प्रदेश छानबीन समिति, जिला स्तरीय जाति प्रमाण पत्र सत्यापन समिति और कलेक्टर GPM के द्वारा शीघ्र सुनवाई करने के विरुद्ध चार अलग-अलग आपत्ति आनन-फ़ानन दर्ज की गई है। इससे यह स्पष्ट है कि सरकार द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में मामले की सुनवाई में विलंब करने में एड़ी चोटी एक कर रही है। अमित जोगी ने कहा कि इन सबके बावजूद मुझे न्यायपालिका में पूरी आस्था है और हमेशा की तरह वो मेरे साथ कुछ ग़लत नहीं होने देगी।