राहुल गांधी से ईडी की पूछताछ पर बोले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, देश में पिछले आठ साल से एक ही व्यक्ति केंद्र के गलत फैसलों पर उठा रहा ऊंगली…
इनका राष्ट्रवाद है, वह आयातित राष्ट्रवाद है, उस राष्ट्रवाद में यह है कि जो भी विरोध में हो उसको दबा दिया जाए, रौंद दिया जाए, कुचल दिया जाए.
नई दिल्ली। इनका राष्ट्रवाद है, वह आयातित राष्ट्रवाद है, उस राष्ट्रवाद में यह है कि जो भी विरोध में हो उसको दबा दिया जाए, रौंद दिया जाए, कुचल दिया जाए. उसी तर्ज पर चलते हुए जितने भी विपक्षी दल के लोग हैं, उसे किसी न किसी मामले में फंसा कर उसके मुंह को बंद करने की कोशिश कर रही है. लेकिन अभी उन्होंने राहुल गांधी के मुंह में हाथ डालने की कोशिश की है, यह उनको महंगी पड़ेगी. यह बात मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राहुल गांधी से ईडी के पूछताछ को लेकर कही.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस नेता मुकुल वासनिक के साथ एआईसीसी के कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पूरे देश में जो हालात है, वह सबके सामने है. तीन दिन से हम लोग दिल्ली में हैं. पहले दिन 200 लोगों को अनुमति दी गई, कल कुछ नेताओं को ही अनुमति दी गई. आज हम एक स्टाफ को भी नहीं ला सकते हैं. एआईसीसी में स्टाफ अंदर नहीं आ पा रहा है. हम लोगों से कहा गया कि केवल दो मुख्यमंत्री ही अंदर आएंगे. और किसी को अनुमति नहीं है.
ऐसी स्थिति में जब देश में महंगाई बढ़ रही है, बेरोजगारी बढ़ रही है, तो इन लोगों ने तय किया इस व्यक्ति को दबा दिया जाए, परेशान किया जाए तो कोई हमारे खिलाफ कोई बोल नहीं पाएगा.उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति कभी नहीं हुई थी. राजनीतिक दल के कार्यकर्ता कार्यालय में न जा सके यह हालात को पहली बार है. यह स्थिति बनी क्योंकि देश में पिछले आठ वर्षों से एक व्यक्ति केंद्र सरकार के नाकामियों और गलत फैसलों पर ऊंगली रखते आ रहा है, वह राहुल गांधी है. चाहे भूमि अधिग्रहण हो, नोटबंदी हो, चाहे वैश्विक महामारी के संदर्भ में हो, बेरोजगारी, महंगाई की बात हो, अन्नदाताओं को उनकी मेहनत का दाम नहीं मिल रहा हो, चाहे देश की सीमाओं की सुरक्षा का मामला हो. उन सब मामलों में राहुल गांधी आवाज बुलंद कर रहे हैं.