Chhattisgarh महाधिवक्ता कार्यालय में भारी फेरबदल, जानिए किन्हें हटाया और किसे मिली जिम्मेदारी
छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट में पैरवी करने के लिए विधि और विधायी कार्य विभाग ने भारी फेरबदल किया है।
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट में पैरवी करने के लिए विधि और विधायी कार्य विभाग ने भारी फेरबदल किया है। अतिरिक्त महाधिवक्ता और दूसरे पोर्टफोलियो रखने वाले अनेक अधिवक्ता मुक्त भी किए गए हैं और उनकी जगह पर नई नियुक्ति की गई है।
आदेश के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट में पैरवी के लिए संजय एबोट और अभिमन्यु भंडारी को अतिरिक्त महाधिवक्ता की जिम्मेदारी दी गई है। श्रद्धा देशमुख उप महाधिवक्ता नियुक्त की गई हैं।
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के लिए अतिरिक्त महाधिवक्ता चंद्रेश श्रीवास्तव और मीना शास्त्री नियुक्त की गई हैं। चार उप महाधिवक्ता संदीप दुबे, मधु निशा सिंह, कसीफ़ शकील और अली असगर बनाए गए हैं।
दो शासकीय अधिवक्ता आरएम सोलापुरकर और आस्था शुक्ला की भी नई नियुक्ति की गई है। रुचि नागर उप- शासकीय अधिवक्ता होंगी। पैनल लायर के रूप में हरि अग्रवाल, जीपी कुर्रे, राजेश सिंह, तारकेश्वर नंदे, हिमांशु कुमार शर्मा, शिवनाथ श्रीवास और उषा चंद्राकर को जिम्मेदारी दी गई है।
विधि विभाग ने एक अन्य आदेश के जरिए सुप्रीम कोर्ट में कार्यरत एडिशनल एडवोकेट अर्जुन विनोद बोबड़े तथा स्टैंडिंग काउंसिल के प्रणव सचदेव, निशांत पाटिल और दर्पण के एम को उनकी जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया है।
छत्तीसगढ़ महाधिवक्ता कार्यालय में कार्यरत आलोक बख्शी और विवेक रंजन तिवारी को एडिशनल एडवोकेट जनरल के पद से मुक्त किया गया है। उप महाधिवक्ता पद से देवेंद्र प्रताप सिंह, सुधीर अग्रवाल और वीणा नायर को मुक्त किया गया है।
शासकीय अधिवक्ता के पद से रविश वर्मा, केके सिंह और उद्धव शर्मा को मुक्त किया गया है। उप शासकीय अधिवक्ता पद से आनंद वर्मा, समीर शर्मा तथा दिनेश तिवारी को मुक्त किया गया है।
पैनल लायर के रूप में कार्यरत आदित्य शर्मा, राजेंद्र त्रिपाठी, अविनाश के मिश्रा, रहीम उबवानी, नीरज मेहता, स्मिता घई, वैभव कार्तिकेय अग्रवाल, श्रेया मिश्रा, के. तृप्ति राय और प्रियंक राठी को मुक्त किया गया है।