1983 विश्व कप विजेता यशपाल शर्मा का दिल का दौरा पड़ने से निधन
वक्त के साथ क्रिकेट की दशा और दिशा सबकुछ बदल चुकी है। आज क्रिकेट में फटाफट का दौर आ चुका है, जिसे लोग पसंद भी करते हैं।
पंजाब।वक्त के साथ क्रिकेट की दशा और दिशा सबकुछ बदल चुकी है। आज क्रिकेट में फटाफट का दौर आ चुका है, जिसे लोग पसंद भी करते हैं। इन सबके बावजूद 1983 का वर्ल्ड कप भारत के क्रिकेट प्रेमी कभी नहीं भूला सकते। किस तरह भारतीय कप्तान कपिल और उनकी टीम ने उस समय की दिग्गज टीम वेस्टइंडीज को परास्त कर सेहरा भारत के सिर बांध दिया था। आज उस टीम के अह्म सदस्य रहे यशपाल शर्मा दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह गए हैं।
पूर्व क्रिकेटर यशपाल शर्मा का मंगलवार को 66 साल की उम्र में निधन हो गया। उनका निधन हार्टअटैक से हुआ है। वे 1983 वर्ल्ड कप विजेता टीम के सदस्य रहे थे। वे पंजाब के लुधियाना शहर के रहने वाले थे। यशपाल शर्मा ने क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद कुछ दिनों तक अंपायरिंग भी की थी। बाद में उन्हें टीम इंडिया का सिलेक्टर नियुक्त किया गया था।
खुद को संभाल नहीं पा रहा हूं: कपिल देव
1983 वर्ल्डकप विजेता भारतीय टीम के कप्तान रहे कपिल देव ने कहा कि मेरे पास शब्द नहीं हैं। मैं उनकी मौत की खबर सुनकर स्तब्ध हूं। मैं अपने को संभाल नहीं पा रहा हूं। दिलीप वेंगसरकर ने कहा कि हम दोनों अच्छे दोस्ते थे। उनकी निधन की खबर पर मुझे यकीन नहीं हो रहा है।
37 टेस्ट और 42 वनडे खेले
यशपाल ने देश के लिए 37 टेस्ट में 33.46 की औसत से 1606 रन बनाए थे। इसमें दो सेंचुरी के साथ ही 9 हाफ सेंचुरी बनाए हैं। जबकि 42 वनडे में उन्होंने 28.48 की औसत से 883 रन बनाए हैं। इस दौरान 4 हाफ सेंचुरी लगाई।
1978 में क्रिकेट करियर की शुरुआत की थी
यशपाल शर्मा विकेटकीपर के साथ मीडियम फास्ट बॉलर भी थे। उन्होंने टेस्ट और वनडे में 1-1 विकेट भी लिया। उन्होंने क्रिकेट करियर की शुरुआत 13 अक्टूबर 1978 को वनडे से की थी। यह मैच सियालकोट में पाकिस्तान के खिलाफ खेला गया था। इसके अगले साल उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट में भी डेब्यू किया। यह मैच 2 अगस्त 1979 को लॉर्ड्स में खेला गया था।
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