January 15, 2025

भारत में वैक्सीन की वजह से पहली मौत, केंद्र सरकार द्वारा गठित कमेटी ने की पुष्टि…

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नई दिल्ली| पहली बार राष्ट्रीय AEFI कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में माना है कि 1 व्यक्ति की मौत कोरोना वैक्सीन की वजह से ही हुई थी. हालांकि, रिपोर्ट में ये भी साफ लिखा गया है कि वैक्सीन के नुकसान की तुलना में फायदे कहीं ज्यादा हैं. राष्ट्रीय AEFI कमेटी की तरफ से टीकाकरण के बाद सामने आए 31 सीरियस मामलों के आधार पर दी गई इस रिपोर्ट में 5 फरवरी को सामने आए 5 मामले, 9 मार्च के 8 मामले और 31 मार्च को दर्ज किए गए 18 मामले शामिल हैं, जिनके नतीजों के मूल्यांकन के बाद ये रिपोर्ट तैयार की गई है.


टीकाकरण की शुरुआत के बाद वैक्सीन के असर को लेकर ये 31 सीरियस मामले AEFI कमेटी के पास आए हैं, जिनमें से 28 लोगों की मौत हुई है. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि इन सभी 28 मौतों में से 1 व्यक्ति की ही मौत वैक्सीन की वजह से हुई है. तीन लोगों में ‘एनाफिलेक्सिस’ (वैक्सीन प्रोडक्ट से संबंधित रिएक्शंस) की शिकायत देखी गई है. वहीं, दो लोग अस्पताल में भर्ती के बाद ठीक भी हो गए हैं.
नाफिलेक्सिस (Anaphylaxis) एक गंभीर एलर्जी प्रतिक्रिया है, जिसे वैक्सीन लेने के आधे घंटे के अंदर शरीर में हुए सीवियर रिएक्शन के तौर पर माना जाता है. एनाफिलेक्सिस के कारण जिस व्यक्ति की मौत हुई, वह 68 वर्षीय एक व्यक्ति था और उसे 8 मार्च को वैक्सीन की डोज दी गई थी. दो मामलों में एक 21 वर्षीय महिला और एक 22 वर्षीय शमिल थे, जिन्हें 19 जनवरी और 16 जनवरी को कोरोना की वैक्सीन दी गई थी, ये दोनों ही अस्पताल में इलाज के बाद ठीक हो गए हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस अवधि के दौरान वैक्सीन की 59.1 मिलियन डोज दी गई थीं.

अलग-अलग भागों में बांटे गए मामले
कमेटी ने बताया कि टीकाकरण के बाद सामने आए इन 31 सीरियस मामलों को वैक्सीन के असर के अनुसार अलग-अलग भागों में बांटा गया है. 31 में से 18 मामलों को ‘संयोग से जो टीकाकरण से जुड़े नहीं हैं’ में रखा गया है, 7 मामलों को ‘अनिश्चित’ के रूप में, 3 मामलों को ‘वैक्सीन प्रोडक्ट से संबंधित’ पाया गया है, 1 मामले को ‘चिंता’ से संबंधित यानी चिंता या तनाव के रूप में और बाकी 2 मामले अवर्गीकृत में रखा गया है. राष्ट्रीय AEFI कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक-
18 मामले : संयोग से सामने आने वाले मामले जो टीकाकरण से जुड़े नहीं हैं, यानी टीकाकरण के बाद रिपोर्ट किए जाने वाले मामले जिनके लिए टीकाकरण के अलावा भी एक स्पष्ट कारण पाया जाता है.
7 मामले : अनिश्चित यानी जिनके लिए कोई निश्चित सबूत या क्लीनिकल ट्रायल डेटा नहीं है यानी आगे और एनालिसिस या स्टडी की जरूरत है.
3 मामले : वैक्सीन प्रोडक्ट से संबंधित रिएक्शंस या एनाफिलेक्सिस
2 मामले : अवर्गीकृत यानी जिनकी जांच की गई है, लेकिन महत्वपूर्ण जानकारी गायब होने के कारण पर्याप्त सबूत नहीं हैं, मूल्यांकन के लिए मामले पर फिर से विचार किया जा सकता है.
1 मामला : वैक्सीन को लेकर चिंता से जुड़े मामले या बेहोशी, यानी वैक्सीन को लेकर की गई बेहद चिंता के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

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