कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर वृंदावन में दो सप्त देवालय अनिश्चितकाल के लिये बंद
नई दिल्ली| कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए वृन्दावन के दो सप्त देवालयों को अनिश्चित काल के लिए श्रद्धालुओं के लिए बन्द कर दिया गया है। वृन्दावन के सप्त देवालय के विगृह स्वयं प्राकट्य हैं । किसी विगृह को भक्त ने अपने तप और साधना से प्रकट किया तो कहीं पर ठाकुर ने स्वयं भक्त को आराधना का माध्यम दिया। सप्त देवालयों में मशहूर गोकुलानन्द मन्दिर के महन्त श्रीवत्स गोस्वामी ने बताया कि इस मन्दिर में भक्तों का प्रवेश बन्द रहेगा मगर अन्दर सेवा पूजा चलती रहेगी। उन्होंने बताया कि यह कदम इसलिए उठाया गया है कि कुछ सेवायत भी संक्रमित हो रहे हैं तथा ठाकुर की सेवा पूजा अनवरत रूप से चलती रहे, इसके लिए सेवायत का स्वस्थ रहना जरूरी है। सप्त देवालयों में मशहूर प्राचीन राधारमण मन्दिर के दर्शनों के समय को भी घटा दिया गया है और मन्दिर अब केवल एक घंटे सुबह और एक घंटे शाम को ही श्रद्धालुओं के लिए खुलेगा। मन्दिर में प्रवेश के लिए कोविड-19 के नियमों का पालन आवश्यक होगा।
उधर बांके बिहारी मन्दिर में एडवांस आनलाइन बुकिंग पर ही बाहरी लोगों को प्रवेश दिया जा रहा है जबकि स्थानीय लोगों को आधार कार्ड पर प्रवेश दिया जा रहा है। दोनो ही स्थितियों में कोविद-19 के नियमों का पालन आवश्यक किया गया है। कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के कारण श्रीकृष्ण जन्मस्थान स्थिति सभी मन्दिरों को श्रद्धालुओं के लिए 9 मई तक के लिए बन्द कर दिया गया है। इसी प्रकार भारत विख्यात द्वारकाधीश मन्दिर को 3० अप्रैल तक के लिए श्रद्धालुओं के लिए बन्द कर दिया गया है। इस दौरान श्रद्धालुओं की अनुपस्थिति में ही इन मन्दिरों की सेवा पूजा चलती रहेगी।