क्वारेंटाइन होने के बाद हज कर सकेंगे यात्री, सऊदी अरब पहली बार वसूलेगा वीजा के लिए फीस
नई दिल्ली: कोरोना के चलते आजमीने-ए-हज को हज (2021) से पहले सऊदी अरब में क्वारेंनटाइन होना पड़ेगा। यह व्यवस्था एहतियात के तौर पर स्वास्थ्य कारणों से लागू होगी। उड़ान से 72 घंटे पहले हरेक हज यात्री को आरटी- पीसीआर टेस्ट भी कराना होगा। इस बार सऊदी अरब वीसा फीस के नाम पर हज यात्रियों से 300 रियाल वसूलेगा। वैट की दर भी उसने 5 से बढ़ाकर 15 फीसदी कर दी है। मुंबई से जाने वाले प्रति यात्री का 3 लाख 61 हजार 927 रुपए का खर्च संभावित हैं।
कोरोना संक्रमण के चलते यात्रियों को कई तरह की पाबंदियों अगौर हिदायतों के साथ हज करना होगा। सऊदी अरब सरकार ने मक्का-मदीना में परिवहन और आवासीय व्यवस्थाओं में भी परिवर्तन कर दिया है। यह पहले के मुकाबले 25 से 40 फीसदी तक महंगी हो गई हैं। इस बार गर्भवती महिलाएं को हज यात्रा पर जाने की इजाजत नहीं है। इसी तरह किडनी,लिवर, कैंसर, हृदय रोगियों की हज यात्रा पर भी उनकी स्वास्थ्य सुरक्षा की खातिर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके अलावा 18 साल से कम लेकिन 65 साल से ज्यादा उम्र के लोग भी हज पर नहीं जा सकेंगे।
हज (2021) के लिए चयनित होने पर अगर कोई यात्रा आवेदन निरस्त कराता है तो उसे पैसा देना होगा। 31 मार्च तक की अवधि में एक हजार जबकि 1 से 30 अप्रैल तक 5000 अगौर उड़ान के दिन यात्रा निरस्त करने पर यह राशि 25 हजार रुपए या एकतरफ किराए की राशि के समतुल्य राशि वसूली जाएगी। सऊदी अरब पहली बार हज यात्रियों से फीस वसूली के नाम पर 300 रियाल वसूलेगा। भारतीय मुद्रा में यह छह हजार रुपए से कुछ अधिक राशि होगी। इसके अलावा उसने वैट फीस 5 से बढ़ाकर 15 फीसदी कर दी है। दूसरी ओर हज कमेटी ऑफ इंडिया प्रोसेसिंग फीस के नाम पर 300 रुपए लेगी। यह राशि वापस नहीं होगी।