छत्तीसगढ़ में जमीन की रजिस्ट्री प्रक्रिया हुई और भी सरल होगी, जाने विस्तार में
रायपुर: राज्य शासन ने आम जन के लिए जमीन की रजिस्ट्री की प्रक्रिया को सरल किया है। अब जमीन का पंजीयन कराने वाले लोगों को पटवारी या तहसीलदार के पास चक्कर काटने की जरूरत नहीं होगी। भुईंया में अपलोड दस्तावेज ही रजिस्ट्री के लिए मान्य होंगे। इस संबंध में कार्यालय महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक छत्तीसगढ़ द्वारा प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टरों को शासन के दिशा-निर्देशों के तहत जमीन के पंजीयन कराने के लिए जिले के पंजीयन कार्यालयों में निर्देशों के पालन सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए हैं। इससे लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। राज्य शासन द्वारा इस व्यवस्था को लागू करने का कारण यह है कि लोगों को रजिस्ट्री के लिए ऑनलाइन नक्सा खसरा व बी-1 में पटवारी के हस्ताक्षर और सील लगवाना पड़ता था। अब जमीन रजिस्ट्री में पटवारी व तहसीलदार के हस्ताक्षरित खसरा पांचसाला और खसरा बी-1 की जरूरत नहीं होगी। अब डिजीटल खसरा पांचसाला और खसरा बी-1 से ही रजिस्ट्री की जाएगी।
प्रदेश के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा है कि इस निर्देश के बाद लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। इसके पीछे कारण यह है कि लोगों को रजिस्ट्री के लिए ऑनलाइन नक्सा खसरा व बी-1 में पटवारी के हस्ताक्षर और सील लगवाना पड़ता था। इसके लिए उन्हें बार-बार पटवारी कार्यालय के चक्कर काटना पड़ रहा था। जिससे रजिस्ट्री पेंडिंग हो जाती थी और शासन को भी राजस्व का नुकसान होता था। अब इन सभी समस्याओं से निजात दिलाने के लिए आदेश जारी कर दिया गया है। इससे लोगों को अपनी जमीन की राजिस्ट्री कराने में काफी आसानी होगी। महानिरीक्षक पंजीयन एवं मुद्रांक ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी प्रकार से कोई संदेह हो अथवा प्रश्नाधीन भूमि भुईया के साईट में उपलब्ध नहीं हो तब ही जमीन की रजिस्ट्री के लिए पटवारी या तहसीलदार द्वारा प्रमाणित राजस्व अभिलेख की मांग की जाए।