December 24, 2024

रमन सिंह किसानों से प्रति एकड़ 10 क्विंटल धान खरीदते थे मोदी सरकार किसानों का धान खरीदना ही नही चाहती:ठाकुर

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रमन सिंह किसानों से प्रति एकड़ 10 क्विंटल धान खरीदते थे मोदी सरकार किसानों का धान खरीदना ही नही चाहती:ठाकुर

रमन भाजपा ने नही दिया किसानों को धान की कीमत 2100रु प्रतिक्विंटल और 300 रु बोनस

रमन सिंह की तरह ही मोदी सरकार भी किसानों से किए वादे से मुकर गईभाजपा का चरित्र ही किसान विरोधी : कांग्रेस

रायपुर/23 नवम्बर 2020। धान खरीदी के मुद्दे पर भाजपा के बयानबाजी पर कांग्रेस ने प्रतिक्रिया व्यक्त की। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि रमन भाजपा की पीड़ा इस बात की है कि सरकार में रहते वे किसानों को 2100 रू. प्रतिक्विंटल धान की कीमत और 300 रू. प्रतिक्विंटल बोनस देने के वादा को पूरा नही कर पाए। ना ही मोदी सरकार किसानों से किये वादा को अब तक पूरा कर पायी। वही भाजपा अब केंद्रीय शक्तियों का दुरुपयोग कर किसानों को धान कीमत 2500 रू. प्रति क्विंटल मत मिले इस पर षड्यंत्र कर अवरोध लगा रहे है। रमन भाजपा ने धान की कीमत 2500 रू. प्रति क्विंटल में रोक लगाने में असफल होने के बाद अब बोरा देने में रोक लगवाकर किसानों के धान खरीदी में बाधा उत्पन्न करने की साजिश रच रहे है लेकिन इस बार भी मुहँ की खाएंगे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार एक दिसम्बर से किसानों की धान खरीदी बेरोकटोक करेगी। किसानों को धान बेचने में कोई दिक्कत नही होगी।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने भाजपा के 9 सांसदों पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि धान खरीदी की तारीख पूछने वाले भाजपा सांसद बताएं कि किसानों से धान खरीदने जुट कमिश्नर कलकत्ता से मांगी गई बोरा देने पर मोदी सरकार ने रोक क्यों लगाई? किसानों को धान की कीमत एकमुश्त 2500 रू. मिल रहा था तो मोदी सरकार और भाजपा सांसदों को पीड़ा क्यों हो रही थी? किसान सम्मान निधि योजना से छत्तीसगढ़ के 18 लाख किसानों को दूर क्यों किया गया?

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि रमन सिंह ने सरकार बनने पर एक-एक दाना धान खरीदी का वादा किया लेकिन सरकार बनने के बाद किसानों से प्रति एकड़ 10 क्विंटल धान खरीद रहे थे। जिसका कांग्रेस ने विरोध किया तब किसानों से प्रति एकड़ 15 क्विंटल धान की खरीदी शुरू की गई। किसानों को सताने परेशान करने काम 15 साल तक हुआ रमन भाजपा के किसान विरोधी नीतियों के चलते छत्तीसगढ़ के किसान जो परंपरागत रूप से धान की खेती करते थे वो धान की खेती करने से कतराने लगे थे, खेती किसानी से मुंह मोड़ लिए थे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने किसानों को धान की कीमत 2500 रू. क्विंटल दिया उस दिन से खेती से मुहँ मोड़ चुके किसान वापस खेती की ओर लौटे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार के द्वारा कृषि क्षेत्र को लाभकारी बनाया गया इसका ही परिणाम है कि पिछले वर्ष की तुलना में चालू खरीफ वर्ष में धान बेचने पंजीयन कराने वाले किसानों की संख्या में ढाई लाख से अधिक की बढ़ोत्तरी हुई है। इस वर्ष 21 लाख से अधिक किसानों ने धान बेचने पंजीयन कराया जिनसे प्रति एकड़ 15 क्विंटल धान 2500 रू. क्विंटल की दर से खरीदा जायेगा, इस वर्ष किसानों से 90 लाख मैट्रिक टन से अधिक धान की खरीदी होगी।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि रमन सिंह की तरह ही मोदी सरकार भी किसानो से किये वादा से मुकर गई। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने घोषणा किया था कि उनकी सरकार बनने पर स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिश के अनुसार लागत मूल्य का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य दिया जाएगा। किसानों को सस्ते दरों पर रसायनिक खाद एवं डीजल की आपूर्ति की जाएगी। किसानों की आय दुगुनी करने की बात करने वाली मोदी सरकार बीते 7 साल में किसान से किये वादा को पूरा करने कोई ठोस कदम नही उठाये। बल्कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार के द्वारा छत्तीसगढ़ के किसानों को धान की कीमत 2500 रू. क्विंटल दिए जाने पर मोदी सरकार ने रोक लगा दी। सेंट्रल पुल में चावल लेने पर नियम शर्ते थोप दी गई।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार तो किसानों की धान की सरकारी खरीदी करना ही नहीं चाहती। किसानों को धान का समर्थन मूल्य देना नहीं चाहती और ना ही गरीबों को निशुल्क अनाज देने के पक्ष में है। इसीलिए तीन किसान विरोधी काले कानून बनाकर किसानों को पूंजीपतियों का गुलाम बनाना चाहती है। किसानों को असहाय, मजबूर और कमजोर कर रही है। मोदी भाजपा के नीति और नियत हमेशा से किसान, मजदूर, गरीब विरोधी ही रही है। पूंजीपतियों के समर्थक भाजपा हमेशा से पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने की सोच रखती है। पूंजीपतियों के फायदे के लिए काम करती है नीतियां बनाती है।

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