December 25, 2024

यह देश का दुर्भाग्य है कि हमें ऐसे प्रधानमंत्री मिले है जिसमें महंगाई कम करने का ना तो उसमें साहस है,न इच्छा शक्ति है,और न संकल्प शक्ति- वंदना राजपूत

0
यह देश का दुर्भाग्य है कि हमें ऐसे प्रधानमंत्री मिले है जिसमें महंगाई कम करने का ना तो उसमें साहस है,न इच्छा शक्ति है,और न संकल्प शक्ति- वंदना राजपूत

पहले से ही महिलाएं महंगाई से परेशान थी अब खाद्य तेल भी महंगा 
बढ़ती महंगाई  आम जनता के लिये गले का फांस बनती जा रही है
आलू ,प्याज , दालें, तेल और सब्जियां जिस तरह आम आदमी की पहुंच से दूर होती जा रही हैं तो गरीब खायेगा क्या ? 

रायपुर 21/ नवम्बर 2020। महंगी दाल, सब्जी ,आलू  ,प्याज की मार से पहले ही लोगों के दम निकाल रखा था और अब खाद्य तेलों के दामों मे बेतहाशा वृद्धि से आम जनता चिंतित एवं परेशान है।  प्रदेश कांग्रेस कमेटी  के प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि केन्द्र सरकार की गलत नीतियों के कारण  दिनोंदिन महंगाई बढ़ती जा रही है, महिलाओं के रसोई के बजट पूरी से डगमगा गया है। बढ़ती महंगाई  आम जनता के लिये गले का फांस बनती जा रही है। भाजपा ने दावा किया था कि हम शासन सत्ता में आते ही महंगाई को कम करने का काम करेंगे लेकिन जिस हिसाब से महंगाई बढ़ रही है उसको रोकने में सरकार नाकाम रही है। नरेंद्र मोदी जी की सरकार महंगाई पर लगाम लगाने मे पूरी तरह नाकाम रही है। क्या सरकार के पास महंगाई को रोकने के लिए कोई योजना नहीं है?
जनता महंगाई और बेजरोगारी से परेशान है  सब्जियों और खाने-पीने के सामान आसमान को छू रहे है। भाजपा  सरकार में महंगाई बेलगाम हो गई है। दाल के भाव लगभग दोगुने हो गए, खाने का तेल, रोटी, प्याज, आलू और हरी सब्जियां के दाम आसमान छू रहे हैं और सरकार मूकदर्शक बनकर बैठी है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि  खाद्य पदार्थों की कीमतें जिस तेजी से बढ़ी हैं उससे आम आदमी ही बल्कि मध्यम वर्ग और उच्च मध्यम वर्ग की भी कमर टूटने लगी है।  यह आश्चर्यजनक है कि केन्द्र सरकार में अनेक बुद्धिजीवी  की मौजूदगी के बावजूद खाद्य पदार्थों व अन्य दैनिक उपभोग वस्तुएँ  की कीमतें आसमान छू रही हैं।  कुछ ही महिनों में ही अनेक खाद्य पदार्थों की कीमतें दो गुनी हो गई हैं तो केन्द्र सरकार की नीतियों पर प्रश्नचिह्न लगना स्वाभाविक है। आलू ,प्याज , दालें, तेल और सब्जियां जिस तरह आम आदमी की पहुंच से दूर होती जा रही हैं तो गरीब खायेगा क्या ?  बढ़ती हुई महंगाई ने तो भाजपा सरकार के नीतियों की कलाई खोल दी है। केन्द्र सरकार का खाद्य पदार्थों की कीमतों पर कोई नियंत्रण नहीं रह गया है। सम्पूर्ण देश में खाद्य पदार्थों की कीमतें आम आदमी की पहुंच से बाहर होती जा रही है। जनता महंगाई से  परेशान है। सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है।  वह मंहगाई को काबू में करने के लिए अपनी ओर से कोई प्रयास नहीं कर रही है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि यह देश का दुर्भाग्य है कि हमें ऐसे प्रधानमंत्री मिले है महंगाई कम करने का ना तो उसमें साहस है,न इच्छा शक्ति है, और न ही संकल्प शक्ति अगर सरकार में तीनों ही इच्छा शक्ति , संकल्प शक्ति और साहस तो महंगाई से काफी हद तक निजात मिल सकता है। पूरे देश के गरीब पर संकट गहराया हुआ है, उसके खाने की थाली पर संकट है उसके दो वक्त की भोजन पर संकट है फिर भी केन्द्र सरकार महंगाई पर गंभीर नही है। जनता जानना चाहती है कि महंगाई पहले  भाजपा वालों के लिये डायन थी तो अब कमरतोड महंगाई को क्या कहेंगे?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *