December 23, 2024

राष्ट्रमंडल महासचिव ने वैश्विक मंच पर फिट इंडिया मूवमेंट की सराहना की

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राष्ट्रमंडल महासचिव ने वैश्विक मंच पर फिट इंडिया मूवमेंट की सराहना की

नई दिल्ली : केन्द्रीय खेल मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने राष्ट्रमंडल देशों के मं​त्रियों के वैश्विक मंच की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रमंडल देशों के सदस्य के रूप में हमें सभी मुद्दों पर एकजुट होकर खड़े होने की जरूरत है और वह भी खासकर ऐसे समय में जब पूरी दुनिया कोविड-19 महामारी के संकट से गुजर रही है।

श्री रिजिजू ने बैठक में भारत में खेल गतिविधियां फिर से शुरू करने की तैयारियों और कोविड-19 के बाद के समय में मिलकर एक सामंजस्यपूर्ण नीति तैयार किए जाने का खाका पेश किया। उन्होंने कहा, “मुझे इस मंच पर अन्य सभी राष्ट्रमंडल देशों के साथ कदम बढ़ाते हुए आगे का रास्ता तय करने के तरीकों पर सहयोग करने की खुशी है। अन्य देशों के मंत्रियों द्वारा यहां उठाए गए अधिकांश मुद्दे भारत से जुड़े मुद्दों के समान हैं, हालांकि, इस दौरान हमने कुछ महत्वपूर्ण सीख और उपलब्धियां हासिल की हैं जिन्हें मैं साझा करना चाहता हूं।”

महामारी के दौरान सेहत का ख्याल रखने के महत्व पर बोलते हुए खेल मंत्री ने कहा, “मैं इस मंच से राष्ट्रमंडल देशों के मंत्रियों को बताना चाहूंगा कि फिट इंडिया मूवमेंट एक बहुत ही महत्वपूर्ण कार्यक्रम है जिसे पिछले साल हमारे प्रधानमंत्री ने शुरू किया था। यह लोगों को सेहतमंद रखते हुए उन्हें महामारी से लड़ने में सक्षम बनाने के मामले में बहुत उपयोगी साबित हुआ है।उन्होंने कहा कि भारत ने ऑनलाइन कार्यक्रमों की विस्तृत श्रृंखला के माध्यम से लोगों में फिटनेस और वेलनेस के प्रति जागरूकता पैदा करने का काम किया है। इन कार्यक्रमों के माध्यम से विशेषज्ञों ने स्वास्थ्य, पोषण और व्यायाम पर अपनी सलाह साझा की है जिसका लाभ सभी आयु वर्ग के नागरिकों ने उठाया है। इस अवसर पर राष्ट्रमंडल की महासचिव सुश्री पैट्रीशिया स्कॉटलैंड क्यूसी ने कोविड महामारी से लड़ने के लिए एक अनूठी पहल के रूप में भारत के फिट इंडिया मूवमेंट की सराहना की।

श्री रिजिजू ने खेल मॉडलों में विविधिता लाने पर भी बात की और किस तरह से भारत में एथलीटों के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है और कोचों के लिए कौशल उन्नयन पाठ्यक्रम चल रहा है इसपर भी जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों का बड़ी संख्या में खिलाड़ियों और कोचों को फायदा हुआ है।

उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दूसरे चरण में सरकार ऑन-ग्राउंड प्रशिक्षण और खेल गतिविधियों को फिर से शुरू करने पर ध्यान केंद्रित करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने सख्त मानक संचालन प्रक्रिया का पालन करते हुए कुछ खेल गतिविधियों की अनुमति दी है। इन दिशानिर्देशों का प्रत्येक खेल संगठन द्वारा पालन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हाल ही में विशेष शिविरों में ओलंपिक की तैयारी कर रहे एथलीटों का प्रशिक्षण शुरू हो गया है। खेल मंत्री ने कहा “मैंने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के खेल मंत्रियों के साथ-साथ राष्ट्रीय खेल महासंघों से भी बात की है और उनसे धीरे-धीरे कुछ खेलों का आयोजन फिर से शुरू करने को कहा है। हमें लोगों में फिर से विश्वास बहाल करने के लिए इसकी आवश्यकता है। मुझे उम्मीद है कि भारत में सितंबर या अक्टूबर से खेलों का आयोजन होने लगेगा, यहां तक ​​कि विभिन्न खेल प्रतिस्पर्धाओं से जुड़ी बड़ी लीग भी फिर से अपनी गतिविधियां शुरू करने पर विचार कर रहे हैं।”

श्री रिजिजू ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में उनके मंत्रालय के युवा स्वयंसेवकों के योगदान को भी साझा किया। उन्होंने कहा “युवा मामलों के मंत्री के रूप में, मेरे पास इस समय 60 लाख युवा स्वयंसेवक हैं जिन्होंने कोविड के दौरान नागरिक निकायों और आम लोगो की मदद करने के लिए अथक प्रयास किया है। अब ये लोग उन नई योजनाओं के बारे में जागरूकता पैदा कर रहे हैं जो सरकार द्वारा अनलॉक चरण में गरीबों की सहायता के लिए शुरू की गई हैं। सरकार ने नवंबर तक देश के गरीबों को मुफ्त राशन देने का फैसला किया है, और हमारे स्वयंसेवक सरकार की इन योजनाओं के बारे में कस्बों और दूरदराज के गांवों में जागरूकता पैदा कर रहे हैं ताकि वहां के लोग इनका लाभ उठा सकें।”

राष्ट्रमंडल देशों के बीच सहयोग की भावना की सराहना करते हुए, श्री रिजिजू ने कहा, ”मुझे 2022 के राष्ट्रमंडल खेलों में निशानेबाजी और तीरंदाजी के खेलों को शामिल करने की मंजूरी देने के लिए राष्ट्रमंडल खेल समिति को धन्यवाद देना चाहिए। हालांकि ये प्रतियोगिताएं भारत में आयोजित की जाएंगी और ब्रिटेन में नहीं होंगी लेकिन मैं फिर भी इन खेलों के लिए भारत के अनुरोध को मानने के लिए समिति को धन्यवाद देता हूं और महसूस करता हूं कि सबको साथ लेकर चलने की इस तरह की सोच राष्ट्रमंडल देशों के बीच संबंधों को और मजबूत बनाएगी।”

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