December 23, 2024

पर्यटन के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ को 27 सितम्बर को मिलेगा राष्ट्रीय सम्मान

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रायपुर। विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी उपलब्धि हासिल होने जा रही है। भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा आयोजित द बेस्ट टूरिज्म विलेज कम्पटिशन 2024 के तहत बस्तर जिले के ढूढमारस और चित्रकोट गांवों को विशेष रूप से सम्मानित किया जाएगा। बस्तर के ढूढमारस गांव को एडवेंचर टूरिज्म के क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन तथा चित्रकोट को सामुदायिक आधारित पर्यटन में  उत्कृष्ट कार्य के लिए यह सम्मान मिलेगा। यह सम्मान 27 सितंबर को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित विश्व पर्यटन दिवस समारोह में प्रदान किया जाएगा।

प्रधानमंत्री मोदी के विजन पर आधारित छत्तीसगढ़ का पर्यटन विकास

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मानना है कि पर्यटन भारत की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने के साथ-साथ स्थानीय समुदायों के आर्थिक सशक्तिकरण का भी एक प्रभावी साधन है। उनका दृष्टिकोण है कि पर्यावरण संरक्षण के साथ स्थायी और समावेशी पर्यटन का विकास किया जाए, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिले।

इस दिशा में छत्तीसगढ़ सरकार ने भी ठोस कदम उठाए हैं। राज्य ने अपनी  वन संपदा,जनजातीय परंपराओं, और प्राकृतिक धरोहर को संरक्षित करते हुए इन क्षेत्रों में पर्यटन का विकास किया है। पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के साथ-साथ स्थानीय लोगों को रोजगार देने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विविधता को पर्यटन के माध्यम से वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए निरंतर कार्य किया जा रहा है।

’मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का पर्यटन विकास का विजन’
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ के पर्यटन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाओं की घोषणा की है। धार्मिक पर्यटन के तहत, राज्य में पांच शक्तिपीठोंकृसूरजपुर का कुदरगढ़, चंद्रपुर का चंद्रहासिनी मंदिर, रतनपुर का महामाया मंदिर, डोंगरगढ़ का बम्लेश्वरी मंदिर और दंतेवाड़ा का दंतेश्वरी मंदिर का विकास किया जा रहा है। इसके अलावा, प्रदेश में इको टूरिज्म और मेडिकल टूरिज्म में राज्य सरकार का विशेष फ़ोकस है।

राज्य सरकार ने धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों के लिए ग्रांट बढ़ाने का निर्णय लिया है, जिससे धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को संरक्षित करते हुए इनके आयोजनों की तैयारी में तेजी आएगी। बस्तर दशहरा का आयोजन इस बार विशेष रूप से भव्य और विशाल होगा। यह पर्व न केवल स्थानीय संस्कृति को प्रदर्शित करेगा, बल्कि पर्यटकों के लिए भी एक आकर्षण का केंद्र बनेगा।

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