मोदी सरकार की दूसरी बड़ी सौगात, 14 खरीफ फसलों की MSP में बढ़ोतरी, देखें नई दरें
पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली यूनियन कैबिनेट ने किसानों को दूसरी बड़ी सौगात देते हुए 14 खरीफ फसलों की मिनिमम सपोर्ट मूल्यों (MSP) में बढ़ोत्तरी को स्वीकृति दे दी है. केन्द्रीय मंत्री अश्विनी वैश्नव ने कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसलों को साझा किया है. उन्होंने कहा कि ‘’कैबिनेट में कुछ बहुत महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अध्यक्षित हुई है. किसानों के कल्याण के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है. खरीफ मौसम शुरू हो रहा है, और उसके लिए कैबिनेट ने 14 फसलों पर MSP को मंजूरी दी है। धान के लिए नया MSP ₹2,300 है, जो पिछले MSP से ₹117 बढ़ा है”.
वैष्णव ने बताया कि कैबिनेट ने कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों के आधार पर 14 खरीफ फसलों के लिए एमएसपी को मंजूरी दे दी है.केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विपणन सत्र 2024-25 के लिए सभी आवश्यक खरीफ फसलों के एमएसपी में वृद्धि को स्वीकृति दी है.
तिलहन और दालों सर्वाधिक बढ़ोत्तरी:
पिछले साल की तुलना में एमएसपी में सबसे अधिक वृद्धि तिलहन और दालों के लिए हुई है. इसमें नाइजरसीड के लिए 983 रुपये प्रति क्विंटल, तिल के लिए 632 रुपये प्रति क्विंटल, और तुअर/अरहर के लिए 550 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गयी है. वहीं कपास (मीडियम स्टेपल) का MSP 7121 रुपये कर दिया है.
इन फसलों की बड़ी MSP दरें:
अनाज की श्रेणी में आने वाली पांच फसलों, दाल की श्रेणी में आने वाली तीन, तिलहन की श्रेणी में आने वाली पांच और कपास (कमर्शियल) की एमएसपी दरों में बढ़ोत्तरी की गयी है, जिसकी पूरी लिस्ट आप यहां नीचे देख सकते है- विपणन सत्र 2024-25 के लिए सभी खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य
मानसून से पहले सरकार का बड़ा फैसला:
बता दें कि खरीफ फसलों का भारतीय कृषि और किसानों की आय में महत्वपूर्ण योगदान रहा है. खरीफ की फसलें भारत में मानसून के दौरान बोई जाती हैं, जो जून से सितंबर तक होती हैं. मुख्य खरीफ फसलें धान, मक्का, बाजरा, सोयाबीन, मूंगफली और कपास हैं. खरीफ फसलों की बुवाई का समय जून से जुलाई और कटाई का समय सितंबर से अक्टूबर होता है. सही समय पर बुवाई और उचित देखभाल से इन फसलों की पैदावार अच्छी होती है.