CG में हनीट्रैप का भंडाफोड़, लड़कियों के हुस्न में फंसाकर बनवाते थे अश्लील VIDEO, इस हाल में किया गिरफ्तार
Sex scandal in Baloda Bazar: बलौदाबाजार शहर में 6-8 महीने से पुलिस की नाक के नीचे न केवल सेक्स रैकेट चल रहा था, बल्कि लोगों को हनीट्रैप कर लाखों वसूले भी जा रहे थे। मामले में पुलिस ने बुधवार को तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया है
Honeytrap busted in CG: बलौदाबाजार शहर में 6-8 महीने से पुलिस की नाक के नीचे न केवल सेक्स रैकेट चल रहा था, बल्कि लोगों को हनीट्रैप कर लाखों वसूले भी जा रहे थे। मामले में पुलिस ने बुधवार को तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनसे की गई पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। पता चला है कि इनके ज्यादातर शिकार धनाढ वर्ग या रिटायर्ड अफसर-कर्मचारी रहे हैं। गैंग लोगों को ये कहकर फांसता कि बाजार में नई लड़की आई है। गैंग द्वारा अब तक अलग-अलग लोगों से 41 लाख की वसूली करने का खुलासा हो चुका है। मामले के 2 मास्टर माइंड अब भी फरार हैं। उनके पकड़े जाने पर ही पता चलेगा कि लोगों को डरा-धमकाकर अब तक कितने की वसूली की जा चुकी है।
पुलिस ने बुधवार को एसपी दफ्तर में सेक्स रैकेट का पर्दाफाश किया। बताया गया कि मामले में एक आरोपी महान मिश्रा की पहले ही गिरफ्तार हो चुकी है। तीन अन्य आरोपियों दुर्गा टंडन पति प्रत्यूष उर्फ मोंटी मरईया (30), मोंटी उर्फ प्रत्यूष मरईया पिता प्रताप मरईया (28) निवासी अब्दुल कलाम वार्ड और रवीना टंडन पिता कामता टंडन (22) दगौरी थाना बिल्हा की हाल ही में गिरफ्तारी की गई है। आरोपियों ने पूछताछ में बताया है कि वे धनाढ वर्ग व रिटायर अफसर-कर्मियों को टारगेट करते। रैकेट में सभी की भूमिका बटी हुई थी। मसलन लड़की सप्लाई करने के लिए बात कौन करेगा? कौन लड़की सप्लाई करेगा? फिर कौन नकली पुलिस बनकर छापा मारने जाएगा! पुलिस ने आरोपियों से एक स्कूटी, 5 सोने की अंगूठी और चांदी की एक पायल जब्त की है। मामले में एक अन्य आरोपी आशीष शुक्ला की भी इंट्री हुई है, जो फरार हैं। रैकेट के सरगना शिरीष पांडेय और पुष्पमाला फेकर भी फिलहाल फरार हैं। इनकी गिरफ्तारी के लिए बलौदाबाजार पुलिस कप्तान सदानंद कुमार और एएसपी अविनाश ठाकुर के नेतृत्च में पुलिस की 5 टीमें लगातार अलग-अलग ठिकानों पर दबिश दे रहीं हैं। संभावना है कि सरगनाओं के पकड़े जाने पर बड़ा खुलासा होगा।
नेतागिरी का रसूख दिखा क्लाइंट से करते संपर्क
हनीट्रैप गैंग के मास्टरमाइंड शिरीष पांडेय और पुष्पमाला फेकर हैं। ये लोग शहर के एलिट क्लास लोगों को चिन्हित करते। अपनी राजनीतिक पहुंच का रसूख दिखाकर उनसे संपर्क करते। मेल-जोल बढ़ाते। झांसे में ले लेते। फिर गिरोह के सदस्यों को एक्टिव कर लड़कियां सप्लाई (Honeytrap busted) करते। फिर अपने ही साथियों से छापा मरवाकर लाखों रुपए की वसूली करवाते। मोंटी और दुर्गा टारगेट से मिलने, लड़कियों के बलौदाबाजार में रहने-खाने व अन्य सुविधाओं का इंतजाम करते थे।
पहले बंदा तलाशते, फिर प्लानिंग के साथ फांसते
Sextortion case in Balodabazar: बलौदाबाजार में गिरोह लोगों को सुनियोजित तरीके से टारगेट बना रहा था। अमीरजादे युवा, बुजुर्ग, सरकारी और प्राइवेट संस्थानों से रिटायर हो चुके अफसर-कर्मी इनके निशाने पर होते। पहले ये व्यक्ति को टारगेट कर मेल-मुलाकात बढ़ाते। फिर लड़की मुहैया कराने का लालच देते। व्यक्ति झांसे में आ जाता तो रैकेट के दूसरे व्यक्ति से बात कराई जाती। वह पहले लड़की भेजता। फिर होती ब्लैकमेलिंग। इस तरह ये गैंग पूरी प्लानिंग के साथ लोगों को अपने झांसे में लेता था।