वर्क फ्राम होम के जरिए मोटी कमाई का झांसा देकर बिछा रहे जाल
महिला, पुरुष, विद्यार्थी, नौकरीपेशा, मजदूर वर्ग व व्यापारी हर कोई घर बैठे 50 हजार से एक लाख रुपये कमा सकता है
महिला, पुरुष, विद्यार्थी, नौकरीपेशा, मजदूर वर्ग व व्यापारी हर कोई घर बैठे 50 हजार से एक लाख रुपये कमा सकता है। न कुछ खरीदना है न बेचना, बस थोड़ा सा मोबाइल का इस्तेमाल करना है। वर्क फ्राम होम के जरिए पार्ट टाइम रोजाना एक से दो घंटे मोबाइल पर काम करना है…। वर्क फ्राम होम के जरिए मोटी कमाई का झांसा देकर साइबर ठग ठगी का जाल बिछा रहे हैं। इस तरह के लुभावने आफर के चक्कर में फंसकर लोग जमापूंजी गंवा रहे हैं। स्टेट साइबर सेल ठगी की इस तरह की शिकायतों की जांच में जुटा है। शिकायतों की प्रारंभिक जांच में पुलिस को ठगों के चीनी कनेक्शन का पता चला है।
कैसे कैसे जुमले-
सोच बदलो, जिंदगी बदल जाएगी। 90 प्रतिशत लोग इसलिए कामयाब नहीं हो पाते क्योंकि अवसर को शक की नजर से देखते हैं। कुछ लोग इसलिए कामयाब हो जाते हैं क्योंकि अवसर का लाभ उठाते हैं। कुछ हटकर करने का मौका, कुछ नया करने का मौका, अापको ऐसा प्लेटफार्म दिया गया है जो आज तक किसी को नहीं मिला। अगर व्यापार समझ में आया तो पैसा ही पैसा अन्यथा सब कुछ पहले जैसा। घर बैठे काम करने का बढ़िया मौका, फेसबुक व व्हाट्सएप चलाना जानते हैं तो घर बैठे अच्छी कमाई का अवसर, मोबाइल ही पैसा कमाने का जरिया बन सकता है। कंपनी दे रही मौका अपनी खुशी का कारण खुद बनिए, हमसे जुड़कर अपने सपने साकार कीजिए। एक हजार रुपये देकर हमसे जुड़ें रोजाना पांच हजार से एक लाख रुपये कमाएं…।
कोरोना काल में बढ़ा वर्क फ्राम होम का चलन-
स्टेट साइबर सेल के अधिकारी बताते हैं कि कोरोना काल में वर्क फ्राम होम का चलन बढ़ गया था। जिसका फायदा साइबर ठग उठा रहे हैं। इसलिए किसी भी कंपनी की जाब संबंधी लिंक को क्लिक करने से पहले अचछी तरह विचार कर लेना चाहिए अन्यथा मुसीबत तय है। साइबर ठग गैंग बनाकर वर्क फ्राम होम के नाम पर ठगी का धंधा चला रहे हैं। चीन के साथ दुबई, जार्जिया आदि देशों से इस तरह की ठगी का नेटवर्क चलाया जा रहा है। ठगों के एजेंट भारत में भी मौजूद हैं। लोगों को ठगने के लिए फेसबुक, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम, व्हाट्सएप, यूट्यूब आदि का उपयोग किया जा रहा है। साइबर ठग नामी कंपनियों के नाम पर नकली वेबसाइटें भी बना रहे हैं। इंटरनेट मीडिया पर उनका प्रचार प्रसार भी किया जाता है। वेबसाइटों को इस तरह डिजाइन किया जाता है ताकि कोई भी आसानी से धोखा खा जाए। जरूरतमंद लोग आसानी से फर्जी वेबसाइटों पर भरोसा कर वर्क फ्राम होम के झांसे में आ जाते हैं।
उत्पाद खरीदने-बेचने का झांसा-
वर्क फ्राम होम के जरिए उत्पाद खरीदने व बेचने का भी झांसा दिया जाता है। साइबर सेल के अधिकारियों ने बताया कि एक महिला घर पर सिलाई का काम करती है। साइबर ठगों के वर्क फ्राम होम के झांसे में आ गई। महिला को बताया गया कि बाजार में 500 रुपये में बिकने वाले कपड़े मात्र 50 रुपये में उपलब्ध हैं। जिनकी खरीदी कर वह फौरन ज्यादा कीमत पर उन्हें बेच सकती है। महिला ने ऐसा ही किया। 50 रुपये का सामान पल भर में 150 रुपये में बिक गया। फायदे की रकम वेबसाइट के बटुए में दिखने लगी। जिसके बाद महिला ने 50 हजार की खरीदी कर डाली। सामान फिर बिक गया और बटुए में मुनाफे की रकम बढ़ती गई। साइबर ठगों ने वेबसाइट को पूरी तरह नियंत्रित कर रखा था, महिला ने जमापूंजी भी लालच में गंवा दी।