कांग्रेस का भाजपा पर पलटवार: भाजपा झूठ, भ्रम फैला कर प्रदेश की फिजा कर रही खराब… रमन सिंह जिस कानून का विरोध कर रहे मुख्यमंत्री रहते 9 बार किया था लागू
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुये कहा कि मुद्दा विहीन भारतीय जनता पार्टी अपने राजनैतिक वजूद को बचाने के लिये तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस की सरकार की छवि खराब करने के लिये एक बार फिर से झूठ और गलत बयानी का सहास ले रही है
रायपुर। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुये कहा कि मुद्दा विहीन भारतीय जनता पार्टी अपने राजनैतिक वजूद को बचाने के लिये तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस की सरकार की छवि खराब करने के लिये एक बार फिर से झूठ और गलत बयानी का सहास ले रही है। राज्य में कानून व्यवस्था को बनाये रखने तथा राज्य के सामाजिक और सांप्रदायिक सद्भाव को बनाये रखने के लिये राज्य सरकार समय समय पर विभिन्न उपाय करती है। इसके कानूनी शक्तियो विधि सम्मत उपायो का प्रयोग किया जाता है। कांग्रेस के शासनकाल में ऐसा कुछ नया संशोधन नहीं कर दिया गया है जिसे लेकर विपक्ष द्वारा मुद्दा बनाया जा रहा है। ऐसे नोटिफिकेशन हर तीन महिनों में जारी किये जाते रहे है। उसी क्रम में कांग्रेस शासनकाल में भी नोटिफिकेशन जारी किये गये है। राज्य सरकार 3 जनवरी 2023 को एक अधिसूचना प्रकाशित करवाया। राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कानून को लागू करने के संबंध में इसमें कहा गया कोई भी व्यक्ति सांप्रदायिक मेल मिलाप को संकट में डालने के लिये लोक व्यवस्था के बनाये रखने पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है तो उसके खिलाफ रासुका के तहत कार्यवाही की जायेगा। ऐसी ही अधिसूचना रमन सरकार के समय भी प्रकाशित कराया गया था। सिर्फ तीसरे कार्यकाल में 9 बार लागू किया था।
3 अक्टूबर 2015 से दिसंबर 2015
1 जनवरी 2016 से 31 मार्च 2016
1 अप्रेल 2016 से 30 जून 2016
1 जुलाई 2016 से 30 सितंबर 2016
1 अक्टूबर 2016 से 31 दिसंबर 2016
1 जनवरी 2017 से 31 मार्च 2017
1 अप्रेल 2017 से 30 जून 2017
1 जुलाई 2017 से 30 सितंबर 2017
1 अक्टूबर 2017 से 31 दिसंबर 2017
जो अधिसूचना जो कानून आपके समय लागू किया गया वह लोक कल्याण कारी था। कांग्रेस के समय लागू किया गया तो दमन कारी हो गया। रमन और भाजपा इस प्रकार झूठ बोलकर प्रदेश में विशेषकर आदिवासी समाज में भ्रम फैला रहे है। पहले अपने शासनकाल में 98 प्रतिशत चर्च बने, धर्मातरण करवाया अब रासुका मामले में झूठ बोल रहे है। धर्मातंरण पर विवाद भाजपा की साजिश है। भाजपा डर रही है कि रासुका लगाने से उसके दंगा भड़काने के एजेंडे पर अवरोध लगेगा।
रमन सिंह, अरूण साव को भ्रम फैलाने एवं झूठ बोलने के लिये प्रदेश की जनता से माफी मांगे। क्या उस समय रमन सिंह ने यह कानून संघ के इशारे पर लागू किया था?
सांप्रदायिकता विरोधी कानून किसी एक धर्म संप्रदाय, जाति के विरोध में नहीं है। हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई किसी भी संप्रदाय का व्यक्ति यदि सांप्रदायिकता फैलाता है दंगे जैसी समाज विरोधी गतिविधि में शामिल होता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जायेगी। भाजपा को क्यों परेशानी हो रही है। भाजपा के विरोध से साफ हो रहा है कि इस कानून के इस्तेमाल से उसका सांप्रदायिकता फैलाने का नापाक षड़यंत्र बाधित होगा। कानून अपराधियों के लिये होता है कानून का पालन करने वालों को कानून के कठोर प्रावधानों से करने की जरूरत नहीं होनी चाहिये।
वरिष्ठ प्रवक्ता आर.पी. सिंह ने कहा कि सत्ता और कमीशन की मलाई जाने के साथ ही लगता है यादास्ता ने भी रमन सिंह का साथ छोड़ दिया है। मैं उन्हें सलाह देता हूं कि वे नियमित संख पुष्पी का सेवन को जिसमें उनकी यादाश्त बनी रहे। आठ बार खुद ही अधिसूचना जारी करवाये थे अब हारी अधिसूचना का विरोध कर रहे। भाजपा का हर कार्यकर्ता अपराधी दंगाई नही होता। लेकिन हर अपराधी और दंगाई भाजपाई ही क्यों निकलता है? सांप्रदायिकता फैलाने पर रासुका लगाये जाने को अपातकाल बताये जाने के पहले अपने केंद्र सरकार के असहिष्णु चरित्र के बारे में आत्म मंथन करना चाहिये। जहां पर असहमति को दमन किया जाता है सरकार के खिलाफ बोलने वालों को प्रताड़ित किया जाता है संवैधानिक संस्थाओं की स्वात्यता समाप्त कर दी गयी है। समाचार माध्यम, न्यायालय प्रजातांत्रिक संस्थाओं को स्वतंत्रतापूर्वक काम नहीं करने दिया जा रहा छत्तीसगढ़ में भाजपाई सांप्रदायिकता फैलाने पर कड़ी कानून कार्यवाही की घोषणा पर तिलमिला रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी धर्मांतरण और सांप्रदायिकता पर सिर्फ राजनीति करना चाहती है। वह नही चाहती इस समस्या का कोई ठोस निदान हो। सुप्रीम कोर्ट धर्मांतरण पर चिंतित है वह देश में धर्मांतरण के खिलाफ कानून बनने की वकालत कर रही है। ऐसे में मोदी सरकार इस मामले पहल कर शीघ्र कानून बनाना चाहिये। अलग-अलग राज्य धर्मांतरण के मामले में कानून बना रहे है। लेकिन जब यह समस्या पूरे देश की है तब एक राष्ट्र एक कानून के सिद्धांत का पालन धर्मांतरण में भी होना चाहिये।