चीनी विदेश मंत्री का दावा, 'भारत-चीन बॉर्डर का सीमांकन नहीं, इसलिए रहेगी परेशानी'
चीन के विदेश मंत्री वॉन्ग यी का कहना है कि भारत-चीन सीमा का सीमांकन अभी होना बाकी है और इसकी वजह से हमेशा परेशानियां रहेंगी। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को अपने नेतृत्व के बीच कायम सहमति को लागू करना चाहिए और मतभेदों को विवादों में बढ़ने नहीं देना चाहिए। उन्होंने एक बार फिर भारत के साथ बातचीत के जरिए मुद्दा सुलझाने की बात दोहराई है।
सीमांकन नहीं हुआ, इसलिए परेशानियां
वॉन्ग इन दिनों यूरोप के दौरे पर हैं और भारत से सीमा तनाव पर यह बात उन्होंने पेरिस में फ्रेंस इंस्टिट्यूट ऑफ इंटरनैशनल रिलेशन्स में एक कार्यक्रम के दौरान कही। भारत और जापान के साथ चीन के संबंधों को लेकर सवाल के जवाब में वॉन्ग ने लद्दाख में चीनी सेना की कार्रवाई पर खुलकर बात नहीं की। हालांकि, उन्होंने कहा, ‘भारत और चीन के संबंधों ने हाल में सभी पक्षों का ध्यान अपनी ओर खींचा है। चीन और भारत के बीच सीमा का सीमांकन नहीं हुआ है। इसलिए ऐसी परेशानी हेशा रहेगी। हम भारत के साथ सभी मुद्दों को बातचीत के जरिए सुलझाने के लिए तैयार हैं।
‘लड़ें नहीं, साथ में डांस करें ड्रैगन और हाथी’
वॉन्ग ने यह भी कहा कि इन मुद्दों को द्विपक्षीय संबंधों में सही से रखना चाहिए और कहा कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बार मुलाकात कर अहम सहमति बनाई है। उन्होंने कहा, ‘ड्रैगन और हाथी के एक-दूसरे से लड़ने की जगह, ड्रैगन और हाथी को साथ में डांस करना चाहिए, एक और एक दो नहीं, 11 भी हो सकते हैं।’ वॉन्ग ने कहा कि दोनों देशों के नेताओं ने इस बात पर सहमति कायम की है कि द्विपक्षीय सहयोग की अहमियत मतभेदों से ज्यादा और विवादों से ज्यादा अहमियत आमहितों की है।
चीन ने लगाया है भारत पर आरोप
चीन की सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने पीएलए के पश्चिमी कमान के हवाले से कहा कि भारतीय सेना ने दोनों देशों के बीच जारी बातचीत में बनी सहमति का उल्लंघन किया है। सोमवार को भारतीय सेना ने जानबूझकर वास्तविक नियंत्रण रेखा को पार किया और जानबूझकर उकसावे की कार्रवाई की। वहीं, चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिन ने कहा कि चीन के सैनिक हमेशा से कड़ाई से वास्तविक नियंत्रण रेखा का पालन करते हैं। वे कभी एलएसी को पार नहीं करते हैं। दोनों ही तरफ की सेनाएं वहां की स्थिति को लेकर बातचीत कर रही हैं।