December 23, 2024

आज से शुरू हुआ छठ पूजा का महापर्व, जानें समय और शुभ योग

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आस्था के महापर्व छठ पूजा का प्रारंभ आज 28 अक्टूबर 2022 से हो रहा है।

छठ

आस्था के महापर्व छठ पूजा का प्रारंभ आज 28 अक्टूबर 2022 से हो रहा है। इस चार दिवसीय छठ पर्व की शुरुआत नहाय-खाय से होती है। छठ का व्रत काफी कठिन होता है क्योंकि इस दौरान व्रती को लगभग 36 घंटे तक निर्जल व्रत रखना होता है। हिंदू पंचांग के मुताबिक,हर साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का दिन नहाय-खाय का होता है। छठ पूजा के दौरान षष्ठी मैया और सूर्यदेव की पूजा की जाती है। छठ पूजा के पर्व को सूर्य षष्ठी के नाम से भी जाना जाना जाता है। इस पर्व को संतान के लिए रखा जाता है। कार्तिक माह की चतुर्थी तिथि को पहले दिन नहाय खाय, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन डूबते सूर्य और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इसके बाद व्रत का पारण यानि समापन किया जाता है। आइए जानते हैं नहाय-खाय का महत्व।

नहाय-खाय पर सूर्योदय-सूर्यास्त का समय

सूर्योदय का समय- 06 बजकर 37 मिनट
सूर्यास्त का समय- 06 बजकर 07 मिनट

नहाय खाय से छठ पूजा की शुरुआत होती है। इस दिन व्रती नदी या घर में स्नान करते हैं और इसके बाद छठ व्रती प्रसाद बनाना शुरू करते हैं। इस दिन सिर्फ एक ही बार खाना खाया जाता है। नहाय-खाय वाले दिन महिलाएं घर की साफ-सफाई करती हैं और इस दिन हर घर में लौकी या कद्दू की सब्जी बनती है। इस दौरान तैयार किए गए भोजन में सेंधा नमक का इस्तेमाल किया जाता है।

नहाय खाय के दिन बने प्रसाद में लहसुन-प्याज का इस्तेमाल वर्जित माना जाता है। इसके अलावा बैंगन आदि सब्जियों को भी नहाय-खाय के दिन प्रसाद में शामिल नहीं किया जाता। छठ व्रती प्रसाद बनाने के बाद पहले भगवान सूर्य की आराधना करते हैं उसके बाद नहाय खाय का प्रसाद ग्रहण करते हैं। छठ व्रती के प्रसाद ग्रहण के बाद ही परिवार के अन्य सदस्य प्रसाद को ग्रहण करते हैं।

नहाय-खाय पर बनने वाले शुभ योग

आज नहाय-खाय के दिन कई शुभ योग बन रहे हैं।

अभीजीत मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 59 मिनट से शाम 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगा

अमृत काल- सुबह 12 बजकर 53 मिनट से , अक्टूबर 29 से सुबह 02 बजकर 23 मिनट, अक्टूबर 29

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