( बड़ी खबर )भालुओं को संरक्षित करने और रिहायसी इलाके में आने से रोकने जामवंत योजना की माँग
संवाददाता – इमाम हसन
सूरजपुर – वन परिक्षेत्र का भालू विचरण क्षेत्र पिल्खा पहाड वन परिक्षेत्र अब भालुओ के अस्तित्व के लिए खतरा बनता जा रहा है। सूरजपुर के पिल्खा पहाड से लगे रविन्द्रनगर गांव समेत दर्जन भर गांवो मे शाम ढलते ही भोजन पानी की तलाश मे भालू गांवो का रुख कर लेते है और खामियाजा कभी भालू के हमले मे ग्रामीण घायल या फिर भालुओ को अपनी जान देकर किमत चुकानी पङती है। गौरतलब है कि पिल्खा पहाड क्षेत्र भालुओ का विचरण क्षेत्र है। लेकिन बदलते समय के साथ भोजन पानी की तलाश मजबूरन भालुओ को रिहायशी इलाको मे खींच लाता है। ऐसे मे पिछले कई वर्षो से रविन्द्रनगर गांव समेत कई गांव भालुओ से प्रभावित है।वही पिछले तीन सालो मे दर्जन भर से ज्यादा भालुओ की मौत हो चुकी है और दर्जनो ग्रामीण भालुओ के हमले मे घायल हो चुके है। ऐसे मे ग्रामीण आए दिन पिल्खा वन परिक्षेत्र मे भालुओ के भोजन पानी की व्यवस्था के लिए जामवंत योजना को शुरु कराने की मांग कर रहे है। जिससे जंगल मे ही भालुओ को भोजन पानी उपलब्ध हो सके और वे ग्रामीण इलाको का रुख न करे। लेकिन आज तक योजना नही लागू हो सका ।वही अब जिले के DFO ने बताया कि जामवंत योजना के लिए शासन स्तर पर प्रयास किया जा रहा है अगले एक साल मे योजना लागू कराने का प्रयास जारी है,। बहरहाल जल जंगल से भरा पुरा सूरजपुर क्षेत्र मे प्रकृति के संतुलन के लिए सभी वन्यप्राणियो कि बाहुल्यता इन दिनो खत्म होते जा रही है।ऐसे मे भालुओ के विलुप्त होने के हालात पर वन विभाग कब तक गंभीर होता है यह तो देखने वाली बात होगी।