सुबह 10 बजे कार्यालय आने के आदेश पर कर्मियों ने किया प्रदर्शन, कहा मांगा था, भत्ता दे दिया 5 दिवसीय काम
छत्तीसगढ़ शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा राज्य में शासकीय कार्यालयों के संचालन के लिए 8 फरवरी को जारी निर्देश से प्रदेश के शासकीय सेवकों में व्यापक आक्रोष व्याप्त हो गया है।
छत्तीसगढ़ शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा राज्य में शासकीय कार्यालयों के संचालन के लिए 8 फरवरी को जारी निर्देश से प्रदेश के शासकीय सेवकों में व्यापक आक्रोष व्याप्त हो गया है। कर्मचारी संगठनों ने 5 दिवसीय साप्ताहिक कार्यालयीन व्यवस्था की तत्कालिक मांग पत्रों में मांग नहीं किया गया था, कर्मचारी संगठनों ने लंबित 14 प्रतिशत् मंहगाई भत्ता व केंद्रीय कर्मचारियों की भांति 7 वें वेतनमान के प्रविधानों के तहत गृहभाड़ा भत्ता की मांग की थीं।
महिला कर्मियों को आदेश स्वीकार्य नहीं
छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संध के प्रांताध्यक्ष विजय कुमार झा और जिला शाखा अध्यक्ष इदरीश खान ने कहा है कि चूंकि मुख्यमंत्री द्वारा घोषणा किया गया था, इसलिए कर्मचारी संगठनों ने इसका स्वागत किया था। कार्यालयीन अवधि 10.30 से 5.30 के स्थान पर आधा घंटा बढ़ाकर 6 बजे करने की अपेक्षा थीं। सुुबह 10:30 को कम कर 10 बजे करने से कर्मचारियों विशेषकर महिला कर्मचारियों को स्वीकार्य नहीं है।
सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश से कर्मचारियों में आक्रोश
इससे प्रदेश के लाखों कर्मचारियों में आक्रोष व्याप्त है। इसके बाद आज सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा निर्देश का कड़ाई से पालन करने व 10 बजे कार्यालय उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश से कर्मचारियों ने नाराजगी व्यक्त करते हुए राजधानी में विरोध प्रदर्शन किया। संघ की मांग है कि कार्यालयीन समय में संशोधन करते हुए प्रातः 10 बजे के स्थान पर यथावत् 10.30 बजे रखा जाए तथा संध्या आधा घंटा वृद्वि करते हुए 6 बजे किया जाए, तभी 5 दिवसीय सप्ताह स्वीकार्य है।
अन्यथा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से प्रदेश के लाखों कर्मचारियों विशेषकर महिला कर्मचारियों की दोहरी जवाबदेही को दृष्टिगत् रखते हुए 5 दिवसीय सप्ताह के आदेश को वापस लिया जाकर, मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों व केंद्रीयकर्मचारियों के समान 31 प्रतिशत मंहगाई भत्ता व 7 वें वेतनमान के अनुरूप 20 प्रतिशत गृहभाड़ा भत्ता दिया जाए।
शहर से 28 किमी दूर मंत्रालय
विजय कुमार झा ने कहा, मंत्रालय, संचालनालय, विभागाध्यक्ष कार्यालयों के समय को 10 से 5 के स्थान में 10 से 5.30 किया गया है, किंतु बसों की सुविधा न होने से कर्मचारी पुराने रायपुर से 28 किलोमीटर नवा रायपुर जाने व 28 किलोमीटर आने में समर्थ नहीं है। छत्तीसगढ़ का दुर्भाग्य है कि 2003 से राज्य निर्माण हुए लगभग 18-19 वर्ष हो गए है, किंतु सरकार स्वयं का बस व वाहन की व्यवथा नहीं कर पाई है। प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये किराये के रूप में भुगतान कर रही है। जितना किराया भुगतान किया उससे 100 से अधिक बस तथा 100 वाहन चालक, 100 कंडेक्टर कुल 200 कर्मचारियों को रोजगार दे सकती थीं।प्रांतीय कार्यकारी अध्यक्ष अजय तिवारी, महामंत्री उमेश मुदलियार, प्रांतीय सचिव विश्वनाथ ध्रुव, सीएल दुबे, संजय शर्मा, विमल चंद्र कुण्डू, सुरेंद्र त्रिपाठी, नरेश वाढ़ेर, रामचंद्र ताण्डी, कुंदन साहू, रविराज पिल्ले, सुंदर यादव, दिनेश मिश्रा, राजू गवई, के.आर.वर्मा, प्रदीप उपाध्याय, भजन बाध, बजरंग मिश्रा, अतुल दुबे, शीला बैस,श्वेता टण्डन, लता देवांगन, माया यादव, पिंकी ठाकुर आदि नेताओं ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बधेल से मांग की है कि तत्काल 10 बजे के स्थान पर 10.30 बजे से 6 बजे तक आदेश जारी करने निर्देशित करें अन्यथा 5 दिवसीय सप्ताह वापस लिया जाए। ऐसा न होने पर आज से ही विरोध प्रर्दशन प्रारंभ किया जाएगा।