रिटायर DEO ने संविदा नियुक्ति न मिलने पर इस तरह दिया फर्जी डायरी कांड को अंजाम, SP का खुलासा
स्कूल शिक्षा विभाग के 366 करोड़ के डायरी कांड मामले में पुलिस ने तीन आरोपी को गिरफ्तार किया है।
रायपुर। स्कूल शिक्षा विभाग के 366 करोड़ के डायरी कांड मामले में पुलिस ने तीन आरोपी को गिरफ्तार किया है। आज इस मामले में रायपुर एसएसपी प्रशांत अग्रवाल, एडिशनल एसपी क्राइम अभिषेक माहेश्वरी और शहर एडिशनल एसपी तारकेश्वर पटेल ने किया। पकड़े गए आरोपियों में सेवानिवृत्त जिला शिक्षा अधिकारी गेंदराम चंद्राकर, संजय सिंह ठाकुर, कपिल कुमार देवदास है।
एसएसपी ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि, पीड़ित आशुतोष चावरे ने थाना राखी में रिपोर्ट दर्ज कराया कि वह उप संचालक लोक शिक्षण संचालनालय छत्तीसगढ इंद्रावती भवन नवा रायपुर में कार्यरत है। कुछ अज्ञात लोगों के द्वारा प्रार्थी को बदनाम करने की नीयत से उसके नाम का फर्जी हस्ताक्षर कर विभिन्न गणमान्य एवं अधिकारियों की शिकायत संबंधी पत्र एवं माननीय शिक्षा मंत्री के पीए की कथित डायरी की प्रति के साथ विभिन्न स्थानों से विगत कुछ दिनों से प्रेषित किये जा रहे है साथ विभिन्न गणमान्य एवं विभागीय अधिकारियों की छवि खराब की जा रही है। जिस पर थाना राखी में अपराध क्रमांक 09ध्22 धारा 419, 469 भादवि. का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एसएसपी प्रशांत अग्रवाल ने ASP तारकेश्वर पटेल, क्राइम ASP अभिषेक माहेश्वरी, नगर पुलिस अधीक्षक विधानसभा उदयन बेहार, नगर पुलिस अधीक्षक नवा रायपुर नवनीत पाटिल, प्रभारी सायबर सेल गिरीश तिवारी एवं थाना प्रभारी राखी कृष्ण चंद सिदार के नेतृत्व में टीम का गठन कर प्रकरण की जांच एवं अज्ञात आरोपियों की पतासाजी के निर्देश दिये। घटना के संबंध में प्रार्थी से विस्तृत पूछताछ करते हुए अज्ञात आरोपियों द्वारा प्रार्थी के नाम से प्रेषित शिकायत पत्र को एकत्र कर अवलोकन किया गया। अवलोकन पर यह प्रतीत हुआ कि उक्त घटना कारित करने में निश्चित रूप से किसी विभागीय व्यक्ति की संलिप्तता रहीं होगी। इसी दिशा मंे आगे बढ़ते हुए एक टीम स्पीड पोस्ट के माध्यम से प्रेषित शिकायत पत्र की जांच हेतु पोस्ट आॅफिस में संपर्क करते हुए जिस दिनांक समय को जिस पोस्ट आॅफिस से वह पत्र स्पीड पोस्ट किया गया था, वहां तक पहुंची जिसमें पोस्ट आॅफिस के सी.सी.सी.टी.व्ही
फुटेज में एक व्यक्ति दिखाई दिया। जिसकी पहचान कपिल कुमार देवदास के रूप में की गई। साथ ही उसके संबंध में तकनीकी विश्लेषण किया गया जिस पर कपिल द्वारा अपने मोबाईल फोन से पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी गेंदाराम चन्द्राकर से संपर्क करना पाया गया। इसी समय इन्ट्रोगेशन टीम द्वारा शिक्षा विभाग के स्टाॅफ अजय सोनी से पूछताछ की जा रहीं थी। जिसने उक्त शिकायत की साथ लगे कथित डायरी की लिखावट को अपनी होने से इनकार किया गया एवं किसके द्वारा लिखा गया है जानने से इंकार करते हुए उसके तथ्यों को काल्पनिक व निराधार बताया साथ ही इस कृत्य को अंजाम देने में पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी गेंदाराम चन्द्राकर पर संदेह व्यक्त किया।
दोनों कड़ियां आपस में जुड़ने से पुलिस टीम का संदेह गेंदाराम चन्द्राकर पर पुख्ता हो गया किंतु इसी समय कपिल कुमार का मोबाईल फोन बंद हो गया। तत्पश्चात् पुलिस टीम द्वारा गेंदाराम चन्द्राकर की पतासाजी कर पकड़ा गया। टीम के सदस्यों द्वारा पूछताछ करने गेंदाराम चन्द्राकर द्वारा अपने अन्य दो साथी कपिल कुमार एवं संजय कुमार सिंह के साथ मिलकर इस पूरे घटना क्रम को अंजाम देना बताया गया। जिस पर घटना में संलिप्त कपिल कुमार एवं संजय सिंह ठाकुर को भी पकड़ा गया। तीनों आरोपियों से पूछताछ में निम्नलिखित तथ्य सामने आएं –
सेवानिवृत्त जिला शिक्षा अधिकारी गेेंदाराम चन्द्राकर की सेवा निवृत्ति जनवरी – 2021 में हुई। गेेंदाराम चन्द्राकर संविदा पद पर नियुक्ति चाह रहा था। इस हेतु उसने कई तरह के प्रयास किये किंतु वह सफल नहीं हो पाया और वर्तमान जिला शिक्षा अधिकारी ए.एन ए.एन.बंजारा की नियुक्ति उस पद पर हो गई। अपनी संविदा नियुक्ति की फाईल रूकवाने के पीछे वह ए.एन.बंजारा, संयुक्त संचालक के.सी.काबरा, तत्कालीन ओ.एस.डी. आर.एन. सिंह, ए.बी.ई.ओ. प्रदीप शर्मा व निज सचिव अजय सोनी की मिली भगत को जिम्मेदार मानता था।
इन्हीं सब कारणों से उक्त समस्त व्यक्तियों को सबक सिखाने के उद्देश्य से गंेदाराम चन्द्राकर ने अपने मित्र संजय सिंह के माध्यम से शिक्षा विभाग में ट्रांसफर व पोस्टिंग के नाम पर लेन – देन की मनगंढ़त कहानी बनाकर शिकायत करने की योजना बनायी।
इसके लिए गंेदाराम चन्द्राकर ने वर्ष 2019 से लेकर अब तक जितने ट्रांसफर व पोस्टिंग हुई की आदेश प्रति निकाली और अपने घर के पास निर्माणाधीन बिल्डिंग में एक चैकीदार भुवनेश्वर साहू को दो डायरी खरीदकर दी एवं उसमें आदेश प्रति को लिखने बोला। साथ ही किसको कितने रूपए का काल्पनिक लेन – देन हुआ है यह भी चैकीदार को लिख कर दिया था।
शिकायत पत्र को टाईप कराने हेतु संजय सिंह ठाकुर ने अपने होम्योपैथिक मेडिकल कालेज रामकुण्ड आॅफिस में कार्य करने वाले कपिल कुमार से गेंदाराम चन्द्राकर की मुलाकात करायी। पूरी शिकायत को गेंदाराम चन्द्राकर द्वारा अपने हाथ से लिखकर कपिल कुमार को आशुतोष चावरे के नाम से शिकायत टाईप करने हेतु दिया गया था एवं उप संचालक लोक शिक्षण के नाम से सील (रबर) कपिल को तैयार कर देने बोला था। कपिल कुमार द्वारा सील तैयार कर दिया गया एवं शिकायत टाईप कर पोस्ट आॅफिस में पोस्ट किया गया था। इस हेतु कपिल को 2,500ध्- रूपये गेंदाराम चन्द्राकर ने दिया गया था।
- शिकायत की कई प्रतियां अलग – अलग न्यूज एजेंसी, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर के राजनैतिक व्यक्तियों एवं स्थानीय नेताओं एवं अधिकारियों को पोस्ट किया गया तथा एक प्रति गेंदाराम चन्द्राकर ने अपने पास रखीं। बचीं हुई शेष प्रतियों को संजय सिंह के पास भिजवा दिया।
- दोनों डायरियों को गेंदाराम चन्द्राकर के द्वारा जला कर नष्ट कर दिया गया एवं रबर सील व ट्रांसफर व पोस्टिंग आर्डर के रफ वर्क को भी नष्ट कर दिया।
- संजय सिंह ठाकुर ने अपने पास शिकायत नस्ती की एक प्रति रखकर शेष को अपने साथी खमतराई निवासी के पास भेजकर उसे जलवा दिया।
- समाचार पत्रों के माध्यम से शिकायत पत्र का मामला उजागर होने पर कपिल ने संजय सिंह को फोन कर अपना डर जाहिर किया जिस पर संजय सिंह द्वारा कपिल को अपने पास बुलाकर उसका मोबाईल बंद कराकर अपने परिचित के घर सेल टेक्स कालोनी में छिपा दिया।
- पुलिस टीम द्वारा कपिल कुमार को गिरफ्तार के दौरान उसके पाकेट में एक पत्र प्राप्त हुआ, जिसमें उसने उक्त घटना की संपूर्ण जानकारी का उल्लेख किया था तथा पत्र को पुलिस को पोस्ट करने वाला था परंतु इसके पूर्व ही कपिल कुमार को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया।
- इस प्रकार तीनों आरोपियों के द्वारा सुनियोजित ढंग से षडयंत्र पूर्वक शासन की छवि धुमिल करने के उद्देश्य से फर्जी शिकायत पत्र तैयार कर एवं फर्जी हस्ताक्षर कर प्रचारित एवं प्रसारित किया गया था। साथ ही सबूतों को नष्ट करने का प्रयास भी किया गया जिस पर से प्रकरण में आरोपियों के विरूद्ध पृथक से धारा 120बी, 201 भादवि. भी जोड़ी गई है।
- जाँच के दौरान तीनों आरोपियों से अपराध के लिए प्रयुक्त कम्प्यूटर सिस्टम, पेन ड्राईव, कपिल द्वारा लिखा गया पत्र, शिकायत पत्रों की बची हुई नस्तियां एवं आरोपियों के मोबाईल फोन जप्त किये गये है।
जानिए क्या है डायरी कांड
दरसअल, शिक्षा विभाग में एक कथित डायरी के माध्यम से पदस्थापना के नाम पर पैसों के लेनदेन का आरोप लगाया गया था। लोक शिक्षण संचालनालय के उप संचालक आशुतोष चावरे के हस्ताक्षर युक्त फर्जी शिकायती पत्र के माध्यम से शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जा रहे थे और सोशल मीडिया के माध्यम से इस बात को प्रचारित किया जा रहा था कि शिक्षकों के पदस्थापना में लेनदेन की गयी है । मामले की जानकारी मिलने के बाद लोक शिक्षण संचालनालय के उप संचालक आशुतोष चावरे ने नवा रायपुर के राखी पुलिस थाने में अपनी तरफ से गुरुवार को एफआईआर दर्ज करायी थी। एफआईआर क्रमांक 09/2022 में राखी पुलिस ने भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 419 तथा धारा 469 के तहत अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ जुर्म दर्ज किया था। चावरे ने अपने बयान में कहा है कि विगत दो माह से अज्ञात व्यक्तियों के द्वारा उनके नाम, पदनाम और सील का छद्म उपयोग कर फर्जी शिकायत पत्र तैयार किया जा रहा है और इसे जनप्रतिनिधियों तथा विभिन्न संस्थानों को भेजा जा रहा है। चावरे के अनुसार लेनदेन से संबंधित आरोपों वाले शिकायती पत्र में उनके जाली हस्ताक्षर का इस्तेमाल किया गया है और इसके माध्यम से उनकी तथा विभाग की छवि खराब करने की कोशिश की गयी है। इसको लेकर उप संचालक चावरे ने अपनी शिकायत राखी पुलिस थाने में की थी। शिकायत को प्रथम दृष्टया सही पाते हुए राखी पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर इसकी जांच शुरू की गई थी।