निकाय चुनाव : भाजपा नेताओं का बड़ा आरोप, दुर्ग जिले में पुलिस बनी सरकार की एजेंट
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेतागण द्वारा शुक्रवार को निकाय चुनाव में जिला निर्वाचन अधिकारी सर्वेश्वर भूरे और पुलिस अधीक्षक बी एस मीणा से मुलाकात कर चुनाव में पुलिस प्रशासन के स्थानीय अधिकारियों द्वारा कांग्रेसी नेताओं के इशारों पर भाजपा कार्यकर्ता और आम जनता में भय और आतंक फैलाने की शिकायत की है।
दुर्ग। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेतागण द्वारा शुक्रवार को निकाय चुनाव में जिला निर्वाचन अधिकारी सर्वेश्वर भूरे और पुलिस अधीक्षक बी एस मीणा से मुलाकात कर चुनाव में पुलिस प्रशासन के स्थानीय अधिकारियों द्वारा कांग्रेसी नेताओं के इशारों पर भाजपा कार्यकर्ता और आम जनता में भय और आतंक फैलाने की शिकायत की है।
चुनाव संचालन प्रभारी सांसद संतोष पांडेय, सांसद विजय बघेल, पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पांडेय, प्रदेश महामंत्री भूपेंद्र सवन्नी और विधायक विद्यारतन भसीन ने ये शिकायत दर्ज़ कराई है।
भाजपा के नेताओं ने जिले के दोनों प्रमुख अधिकारियों से कहा कि पुलिस द्वारा सत्ताधारी दल के दबाव में आकर भारतीय जनता पार्टी के बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं के घर के अंदर सूर्यास्त के बाद बिना किसी आधार और बिना महिला पुलिस के घर में घुसकर डराया धमकाया और आतंकित किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि दिनांक 16.12.2021 को वार्ड क्रमांक 38 में पुलिस द्वारा भारतीय जनता पार्टी के 8-10 कार्यकर्ताओं एवं आम नागरिकों के घर में सूर्यास्त के बाद महिला पुलिस की गैर मौजूदगी में ही बिना सर्च वारंट के बलपूर्वक प्रवेश किया गया और पुरुष पुलिसकर्मियों द्वारा घर की महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार और गाली गलौज का कृत्य किया गया।
पुलिस का ऐसा आचरण घोर आपत्तिजनक है। सूर्यास्त के पश्चात महिलाओं की उपस्थिति वाले निवास स्थान में बगैर वारंट और बगैर महिला पुलिस के घुसना सुप्रीम कोर्ट और मानव अधिकार आयोग द्वारा घोषित गाइडलाइन के विरुद्ध है, सत्ताधारी दल के दबाव में पुलिस अपनी वास्तविक भूमिका को भी भूल चुकी है।
नहीं है कोई आपराधिक रिकार्ड
भाजपा के तमाम नेताओं ने एक स्वर में कहा कि राज्य निर्माण के पश्चात विगत 21 वर्षों से लगातार भिलाई में नगरीय निकाय के चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से होते चले आए है, और कभी भी पुलिस प्रशासन का इस प्रकार आतंक और भय फैलाने का आचरण नहीं रहा है। पहली बार भिलाई के नगरीय निकाय चुनाव में पुलिस प्रशासन द्वारा सत्ता के हाथों की कठपुतली बनकर भारतीय जनता पार्टी के बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं और नागरिकों के परिवारों को आतंकित किया जा रहा है। ये कृत्य पुलिस की भूमिका को संदेहास्पद बनाता है क्योंकि जिस भी महिला के निवास में पुलिस ने बलात प्रवेश किया है, उस घर के किसी भी सदस्य के खिलाफ ना तो पूर्व में कभी कोई एफ.आई. आर. हुई है और ना ही उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड रहा है।
पुलिस बन गई है एजेंट
भाजपा नेताओं ने स्पष्ट तौर पर आरोप लगाया कि लोकतांत्रिक प्रणाली में चुनाव स्वस्थ माहौल में और निष्पक्षता से संपन्न कराए जाते है। परंतु मुख्यमंत्री और गृहमंत्री का स्थानीय जिला होने के कारण वर्तमान में पुलिस का व्यवहार पूरी तरह से सत्ताधारी दल के एजेंट के रूप में सामने आ रहा है, जिसकी भारतीय जनता पार्टी घोर भर्त्सना करती है।
निर्वाचन आयोग के निर्देश पर करें काम
जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक नेताओं ने यह अपेक्षा की कि चुनाव के दौरान आगामी समय में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो, अन्यथा भिलाई में व्यापक जनाक्रोश उत्पन्न होगा।
इसके आलावा दुर्ग जिला पुलिस की भूमिका चुनाव में निष्पक्षतापूर्ण हो और पुलिस के स्थानीय अधिकारी सत्ताधारी दल के विधायक और मंत्री के निर्देशों की बजाए चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुरूप कार्य करें, ऐसा सुनिश्चित करें क्योंकि चुनाव आचार संहिता के दौरान पुलिस निर्वाचन आयोग के निर्देशों पर कार्य करती है।