Work from Home के नाम पर बेरोजगारों से वसूली करने वाले गैंग का हुआ पर्दाफाश
कोरोना वायरस आने के बाद बीते दो वर्षों में लोग घर बैठे काम करना ज्यादा पसंद कर रहें हैं, इसी का फायदा उठाते हुए वर्क फ्रॉम होम नौकरी देने के नाम पर करोड़ों रुपयों की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है।
कोरोना वायरस आने के बाद बीते दो वर्षों में लोग घर बैठे काम करना ज्यादा पसंद कर रहें हैं, इसी का फायदा उठाते हुए वर्क फ्रॉम होम नौकरी देने के नाम पर करोड़ों रुपयों की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। बताया जा रहा है कि इस गिरोह ने देशभर के लगभग हजारों बेरोजगार युवाओं को अपना शिकार बनाया। दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने इस संबंध में एक युवती समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस आरोपियों के बैंक खातों का पता कर रही है।
जानकारी के मुताबिक, आरोपियों ने फर्जी वेबसाइट बनाकर पहले युवाओं को अपने जाल में फंसाया। नौकरी देने से पहले आरोपियों ने इन युवाओं से चोरी से कुछ एग्रीमेंट साइन करा लिये। बाद में नौकरी के नाम पर युवाओं को काम करने के ऐसे टारगेट दिए गए जो कभी पूरे नहीं हो सकते थे। काम न होने पर एग्रीमेंट का हवाला देकर युवाओं से जबरन वसूली की गई। पैसा न देने वालों को कोर्ट-कचहरी का डर दिखाकर उनसे वसूली की जाती थी। फिलहाल अभी 500 से अधिक युवाओं को ठगने का पता चला है। आशंका व्यक्त की जा रही है कि इन लोगों ने कई हजार लोगों चूना लगा दिया है।
साइबर सेल के पुलिस उपायुक्त केपीएस गिल ने बताया कि नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) भाई संख्या में ठगी का शिकार युवाओं ने अपनी शिकायत दर्ज कराई थी। शुरुआत में पुलिस को यहां देशभर से करीब 60 शिकायतें मिली। सभी शिकायतों में आरोप लगाया गया था कि वर्क फ्रॉम होम के नाम पर सभी को ठगा गया है। पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू की।
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि आरोपियों ने फर्जी वेबसाइट बनाई हुई थी। वेबसाइट पर दावा किया गया था कि इन वेबसाइट के जरिये घर पर बैठकर ही काम करके मोटा पैसा कमाया जा सकता है। जैसे ही युवा इनके जाल में फंसते थे तो आरोपी इनको डराकर जबरन वसूली करते थे। मामले की जांच के लिए फौरन इंस्पेक्टर सज्जन सिंह, एसआई धर्मेंद्र कुमार व अन्यों की टीम बनाई गई।
चारों आरोपियों को दिल्ली के मोहन गार्डन और मायापुरी इलाके से गिरफ्तार कर लिया गया। जांच के दौरान पुलिस को पता चला है कि रोहित कुमार गैंग का लीडर है। उसने ही फर्जी वेबसाइट बनाकर ठगी की शुरुआत की। उसने बैंक खातों का इंतजाम किया। इसके अलावा वह खुद ही टीम लीडर बनकर फर्जी कॉल सेंटर भी चलारहा था। बाकी गिरफ्तार की तीनों आरोपी टेलीकॉलर हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले में कई अन्य लोग शामिल हैं। उनकी तलाश में जगह-जगह छापेमारी की जा रही है।
पकड़े गए आरोपियों की पहचान रोहित कुमार (23), मोहित सिंह (25), तरुण कुमार (25) और वंदना (23) (बदला हुआ नाम) के रूप में हुई है।