तीजा : राज्यपाल अनुसुईया उइके और सीएम भूपेश ने तीजहारिनों को दी बधाई
राज्यपाल अनुसुईया उइके और मुख्यमंत्री भूपेश ने शुभकामनाएं दी है।
रायपुर। राज्यपाल अनुसुईया उइके और मुख्यमंत्री भूपेश ने शुभकामनाएं दी है। सौभाग्य का पर्व हरितालिका तीज के अवसर पर प्रदेश की माताओं, बहनों और बेटियों को राज्यपाल अनुसुईया उइके ने हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं।
उइके ने सभी तीजहारिन माताओं और बहनों को शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि यह पर्व छत्तीसगढ़ की समृद्धशाली संस्कृति का परिचायक है। ऐसे पर्व हमारी पुरातन संस्कृति को बनाए रखते हैं। इस अवसर पर उन्होंने ईश्वर से प्रार्थना की है कि इस व्रत को रखने वाली महिलाओं की कामना को पूर्ण करे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लोक पर्व तीजा (हरतालिका तीज) के अवसर पर प्रदेशवासियों विशेषकर सभी बहन-बेटियों को बधाई और शुभकामनाएं दी है। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेशवासियों के लिए सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति में तीज-त्यौहारों का विशेष महत्व रहा है।
यहां के जन-जीवन और परम्पराओं में तीज-त्यौहार रचे बसे हैं। यहां हरितालिका तीज मनाने की विशिष्ट परम्परा रही है। इस दिन महिलाएं पति की लम्बी उम्र की कामना के साथ निर्जला व्रत रखती हैं। नवविवाहिता बहन-बेटियों से लेकर बुजुर्ग महिलाओं को तीज मनाने के लिए पिता या भाई ससुराल से मायके लेकर आते हैं।
तीजा पर्व के एक दिन पहले करू भात खाने की परम्परा है। इसके लिए परिवारों में बहन-बेटियों को न्यौता दिया जाता है, जिससे महिलाओं को अपनी पुरानी सखी-सहेलियों और परिवार से मिलने और सुख-दुख बांटने का अवसर मिलता हैं।
बघेल ने कहा है कि राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ की मूल संस्कृति से जुड़े त्यौहारों और परम्पराओं को सहेजने का हर संभव प्रयास कर रही है। सार्वजनिक रूप से तीजा-पोला, हरेली जैसे त्यौहारों को मनाया जा रहा है। प्रदेश में हरेली, तीजा, माता कर्मा जयंती, छठ पूजा और विश्व आदिवासी दिवस के दिन सार्वजनिक अवकाश की शुरूआत की गयी है। इससे नई पीढ़ी भी अपनी संस्कृति से अनायास जुड़ती जा रही है।