बृजमोहन बोले- मुख्यमंत्री को लिखूंगा पत्र, जरुरत पड़ी तो आंदोलन भी करूँगा….
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वकांशी योजनाओं में से एक स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी मीडियम स्कुल पर सूबे के वरिष्ठ भाजपा नेता और विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने निशाना साधा है।
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वकांशी योजनाओं में से एक स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी मीडियम स्कुल पर सूबे के वरिष्ठ भाजपा नेता और विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि “इसके लिए मैं मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और शिक्षा सचिव को पत्र लिखूंगा, जरुरत पड़ी तो सड़क पर आंदोलन भी करूँगा।”
दरअसल बृजमोहन अग्रवाल ने स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी मीडियम खोलने के लिए हिंदी मीडियम स्कुल बंद करने के मामलें पर ये ब्यान दिया है। अभनपुर के एक कन्या शाला की छात्राओं द्वारा किए गए प्रदर्शन के बाद ये मामला और भी गरमा गया है।
इस संबंध में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि “ये भयावह स्थिति है। एकतरफ छत्तीसगढ़ में 150 से ज़्यादा स्वामी आत्मानंद स्कूल खोले जा रहे है, लेकिन दूसरी तरफ हिंदी मीडियम स्कूल बंद किये जा रहे है। हिंदी मीडियम के बच्चों को निकाला जा रहा है। मातृभाषा में पढ़ने वाले बच्चों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। हिंदी माध्यम के बच्चों के साथ दोगला व्यवहार किया जा रहा है।”
बृजमोहन ने कहा कि “सरकार को इन बच्चों के भविष्य की कोई चिंता नहीं है। स्कूलों के संचालन के लिए सरकार की स्पष्ट नीति सामने आनी चाहिए।” उन्होंने तंज़ कसते हुए कहा कि “जिस तरह अंग्रेज़ी माध्यम के स्कूल को फ़ाइव स्टार बनाया जा रहा है, उसी तरह हिंदी मीडियम स्कूल को भी तैयार किया जाना चाहिए। इस मामले पर मैं मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव को पत्र लिखूंगा। ज़रूरत पड़ी तो सड़क पर आंदोलन भी किया जाएगा।
तो पड़ जाएगा सूखा-बृजमोहन
भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ में हुई अलप वृष्टि की वज़ह से किसानो की समस्याओं को उठाया। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि “सरकार ने आंख और कान बंद कर लिया है। सरकार ऐशोआराम में दिख रही है, अगस्त महीने में भी अगर अच्छी बारिश नहीं हुई, तो सूखे के हालात हो जाएंगे।”
विधायक अग्रवाल ने कहा कि “सरकार के पास सूखे को लेकर कोई योजना नहीं है। ना नीति नज़र आ रही है और ना ही नियत। किसानों को सरकार ने उनके हाल पर छोड़ दिया है। खेतों में पंप भी शाम पांच बजे के बाद बंद हो जा रहे है। किसानों को बिजली नहीं मिल रही, ऐसे हालातों में किसानों का भविष्य अंधकारमय दिख रहा है।