December 23, 2024

बड़ी लापरवाही, 27 ग्रामीणों को कोविशील्ड के बाद लगा दी कोवैक्सिन की दूसरी डोज….

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आंध्र प्रदेश| आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के एक सुदूर गांव में मेगा कोविड -19 (Vaccination Programme) टीकाकरण कार्यक्रम विफल हो गया, क्योंकि प्रशासनिक निरीक्षण (Administrative Oversight) के कारण 27 ग्रामीणों को टीके की मिश्रित खुराक दी गई. हालांकि स्वास्थ्य अधिकारियों ने दावा किया है इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं हुआ है. दरअसल पेनुमुर मंडल के गुडयानमपल्ली गांव के लोगों को अप्रैल के पहले हफ्ते में उनके पहले जॉब के लिए कोविशील्ड वैक्सीन दी गई थी. वहीं उसके बाद स्वास्थ्य कर्मचारियों ने उन्हें पिछले रविवार को दूसरी खुराक के रूप में कोवैक्सिन दी. मिली जानकारी के अनुसार, कर्मचारियों ने मरीजों की पहली डोज को लेकर जांच नहीं की और उन्हें दूसरी डोज कोवैक्सिन के रूप में दे दी.

अधिकारियों ने बताया कि डेट-एंट्री सॉफ्टवेयर में तकनीकी खराबी के कारण यह गलती हुई. इससे स्वास्थ्य विभाग को फर्स्ट डोज डाटा डाउनलोड करने में परेशानी हुई, जिससे एएनएम (Auxiliary nurse midwife) को फिजिकल रिकॉर्ड पर निर्भर रहना पड़ा. स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि राहत की बात ये है कि अलग-अलग खुराक प्राप्त करने वाले ग्रामीणों को किसी भी तरह के साइड इफेक्ट का सामना नहीं करना पड़ा. उन्होंने कहा, ‘जो इसके लिए जिम्मेदार हैं, उन्हें दंडित किया जाएगा.’

नर्स इसलिए नहीं कर पाई डाटा डाउनलोड

तकनीकी खराबी के कारण नर्स डाटा डाउनलोड नहीं कर पा रही थी. ग्रामीणों से संपर्क किए बिना, उसने लगभग 27 लोगों को टीका लगाया.डीएम एंड एचओ (DM AND HO)ने इस बारे में कहा कि मामले की जांच की गई है. उन्होंने कहा कि चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग (Medical and Health Department) ऐसा करने वालों से स्पष्टीकरण मांगेगा और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी.उन्होंने कहा कि ग्रामीण एएनएम का समर्थन कर रहे हैं. “ग्रामीणों का कहना है कि यह एएनएम पिछले कई महीनों से उनकी बहुत सेवा कर रही है. वे हमसे एएनएम पर कोई कार्रवाई नहीं करने का अनुरोध कर रहे हैं.

ग्रामीणों ने अधिकारियों पर लगाया आरोप

अधिकारियों ने कहा हमारी चिकित्सा टीमें (Medical Team) गांव में डेरा डाले हुए हैं और उनके स्वास्थ्य की स्थिति को करीब से देख रही हैं.वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि कोई स्वास्थ्य अधिकारी उनसे मिलने नहीं आया. उन्होंने मीडिया को बताया कि गलती का पता तब चला जब वैक्सीन लगवा रहे लोगों में से एक ने वैक्सीन की शीशी देखी और स्वास्थ्य अधिकारियों से पूछताछ की. ग्रामीणों ने कहा कि वे परिणाम से डरे हुए हैं.

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