मीडिया अब सेना और सरकार के खिलाफ नहीं बोल सकेगा
पाकिस्तान| पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने मीडिया को लेकर नए नियमों का प्रस्ताव तैयार किया है, जिसे लेकर पड़ोसी मुल्क में हंगामा बरपा है। विपक्षी दलों पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज ने नए कानून के प्रस्ताव को मीडिया मार्शल लॉ करार देते हुए कहा है कि यह अभिव्यक्ति की आजादी पर रोक का नियम है। इमरान खान की सरकार पाकिस्तान मीडिया डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑर्डिनेंस 2021 लाना चाहती है, जिसे लेकर विवाद खड़ा हो गया है। पीएमएल-एन की प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने कहा कि यह मीडिया पर नियंत्रण की कोशिश है। इसके जरिए सरकार मीडिया संस्थानों को अपना मुखपत्र बना लेना चाहती है या फिर उन्हें बंद होना पड़ेगा।
पाकिस्तान सरकार ने इस नए कानून के तहत मीडिया से जुड़े पिछले कई कानूनों के विलय का प्रस्ताव रखा है। इस नए कानून के तहत प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से लेकर डिजिटल मीडिया तक की नियमावली तय की जाएगी। पाकिस्तान सरकार का कहना है कि नए कानून के तहत एक अथॉरिटी का गठन किया जाएगा, जो देश में सभी तरह के मीडिया की नियमावली तय करेगी। नए नियमों के तहत देश में अखबार और डिजिटल मीडिया के संचालन के लिए भी टीवी चैनलों की तरह ही लाइसेंस की जरूरत होगी। इस ड्राफ्ट में नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम, यूट्यूब चैनलों, वीडियो लॉग्स आदि को लेकर भी नियमावली तय करने की बात कही गई है। इस अथॉरिटी में कुल 11 सदस्य होंगे और एक चेयरपर्सन होगा। इनकी नियुक्ति केंद्र सरकार की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी। हालांकि विवाद इन प्रावधानों को लेकर नहीं है बल्कि सेना और सरकार पर मीडिया के तंज कसने पर रोक को लेकर है। प्रस्तावित कानून के ड्राफ्ट में कहा गया है कि किसी भी मीडिया की ओर से सेना, संसद, सरकार और उसके मुखिया को लेकर तंज नहीं कसा जा सकता, जिसके चलते हिंसा की आशंका हो या फिर उनकी मानहानि होती हो। नए कानून में इस नियम को लेकर ही सबसे ज्यादा आपत्ति जताई जा रही है और इसे पाकिस्तान का मीडिया मार्शल लॉ कहा जा रहा है।
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