December 26, 2024

सारे देश के सड़क से सदन तक विरोध के बावजूद मोदी सरकार खेती का काला कानून बनाने पर अड़ी – कांग्रेस

0
सारे देश के सड़क से सदन तक विरोध के बावजूद मोदी सरकार खेती का काला कानून बनाने पर अड़ी – कांग्रेस

किसान मूल्य आश्वासन विधेयक भाजपा के किसान विरोधी चरित्र की ऊपज

किसानों को उपज के न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की जबाबदेही से भाजपा सरकार भाग रही

रायपुर/20 सितम्बर 2020। केंद्र सरकार द्वारा कथित रूप से कृषि सुधार के नाम पर लाये गए तीन विधेयक और पूरे देश के द्वारा इनके विरोध के बावजूद विधेयक को पारित करने की अकुलाहट से एक बार फिर से भाजपा का किसान विरोधी चेहरा सामने आया है। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि देश के किसान इन विधेयकों का विरोध कर रहे सदन के अंदर विपक्षी दल विरोध कर रहे राज्य सभा मे विधेयक की प्रतियां फाड़ी जा रही फिर भी मोदी सरकार इस कानून को बनाने की जिद पर क्यो अड़ी है। सारा देश मान रहा कि किसान मूल्य आश्वासन और खेत पर समझौता सेवाएं विधेयक मूलतः किसान विरोधी है। यह बिचौलियों और मुनाफाखोरों को प्रोत्साहन देने वाला है।
इस विधेयक के कानून बनने से मंडी व्यवस्था नष्ट हो जाएगी। मंडी में किसानों को उनके उपज की न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलने को सुनिश्चित करने का प्रावधान है। मंडी में पंजीकृत व्यापारी ही किसानों से उनकी उपज खरीद सकते है। नए विधेयक में कोई भी पेनकार्डधारी व्यक्ति किसान से खरीदी कर सकता है। नए विधेयकों के कानून बनने के बाद किसान को उसके उपज की न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी के लिए कोई भी प्रावधान नही है, इस परिस्थिति में किसान शोषण का शिकार होंगे। यह किसानों को बाजार के जोखिम के अधीन सौपने की साजिश है।
कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि इस विधेयक को पारित करवा कर मोदी सरकार किसानों के प्रति केंद्र सरकार के परम्परा गत कर्तव्य से भागने के प्रयास में है। आजादी के बाद से ही केंद्र सरकार किसानों को उनके ऊपज की सही कीमत दिलाने हर साल सभी प्रकार के जिंसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करती है और किसानों को यह मूल्य मिले यह भी सुनिश्चित किया जाता है राज्य सरकारों के माध्यम से समर्थन मूल्य पर कृषि उत्पादों की खरीदी की प्रक्रिया इसीलिए अपनाई जाती है यह काम राज्य और केंद्र सरकारे मुनाफा कमाने नही बल्कि किसानों की मदद के उद्देश्य से करती रही है। इस विधेयक के पारित होने पर समर्थन मूल्य पर खरीदी प्रक्रिया भी बंद होने का खतरा है।
कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ जैसे राज्य जो अपने राज्य के किसानों को समर्थन मूल्य से डेढ़ गुनी कीमत पर धान खरीदते है उनके लिए तो बड़ी परेशानी खड़ी होने वाली है। यहाँ किसान 2500 कीमत छोड़ कर बाहर अपना धान बेचने जाएगा नही लेकिन पड़ोसी राज्य के धान व्यापारी जरूर इस कानून की आड़ में छत्तीसगढ़ अपना धान बेचने आने को स्वतंत्र होंगे। यह राज्य की व्यवस्था बिगाड़ने वाला कानून साबित होगा।
कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि इस विधेयक के साथ ही लाया गया दूसरा विधेयक में तो छोटे मंझोले किसानों को बर्बाद कर बड़े कारपेट सेक्टर को खेत ठेके में सौपने का षड्यंत्र है। नए कानून में कम्पनिया किसानों से उनके खेत ठेके पर लेकर खेती कर सकेंगी। किसानों से ठेके पर खेत लेने वाली कम्पनिया किसानों को बराबर का पार्टनर रखेगी तथा उनको मुनाफे का बराबर हिस्सा देगी इस भागीदारी पर यह विधेयक मौन है। इस कानून के माध्यम से किसानों को उनकी ही जमीनों पर मजदूर बनाने की तैयारी की जा रही है। भाजपा और मोदी ने वायदा तो 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करने का किया था लेकिन हकीकत में किसानों को उनके खेती किसानी से बेदखल करने के लिए कानून बना रहे है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed