राज्य सरकार ने जारी की निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज के लिए संशोधित दरें
रायपुर। राज्य शासन ने निजी अस्पतालों में कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए नई दरें निर्धारित की हैं। सीएम भूपेश बघेल ने 11 अप्रैल को अस्पताल संचालकों और चिकित्सा विशेषज्ञों के साथ बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज की नए दरें निर्धारित करने के निर्देश दिए थे। उनके निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने आज संशोधित दरें जारी की हैं।
विभाग द्वारा जारी नए आदेश के अनुसार एनएबीएच मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों में मॉडरेट स्थिति वाले मरीजों के इलाज के लिए प्रतिदिन 6200 रुपए का शुल्क निर्धारित किया गया है। इसमें सर्पोर्टिव केयर आइसोलेशन बेड के साथ ऑक्सीजन एवं पीपीई किट का खर्च शामिल है। गंभीर स्थिति वाले मरीजों के उपचार के लिए रोजाना 12 हजार रुपए का शुल्क निर्धारित किया गया है।
इसमें बगैर वेंटिलेटर के आईसीयू सुविधा शामिल है। अति गंभीर मरीजों के इलाज के लिए 17 हजार रुपए प्रतिदिन की दर निर्धारित की गई है। इसमें वेंटिलेटर के साथ आईसीयू सुविधा शामिल है। वहीं एन.ए.बी.एच. से गैर मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों के लिए मॉडरेट, गंभीर और अति गंभीर मरीजों के इलाज के लिए प्रतिदिन 6200 रुपए, दस हजार रुपए एवं 14 हजार रुपए का शुल्क निर्धारित किया गया है।
निजी अस्पतालों में कोविड-19 के इलाज में होने वाला व्यय मरीज को स्वयं वहन करना होगा। राज्य शासन द्वारा निजी अस्पतालों में इलाज के लिए निर्धारित प्रतिदिन के शुल्क में पंजीयन शुल्क, बेड, नर्सिंग और बोर्डिंग चार्ज, सर्जन, एनेस्थेटिस्ट, डॉक्टर और कंसल्टेंट की फीस, एनेस्थेशिया, ब्लड-ट्रांसफ्यूजन, आक्सीजन, ओ.टी. चार्जेस, सर्जिकल उपकरणों का शुल्क, दवाई एवं ड्रग, मरीज के भोजन, प्रोस्थेटिक डिवाइस एवं इम्पलांट का खर्च शामिल है। मेडिकल प्रोसिजर, बेसिक रेडियोलॉजिकल इमेजिंग और एक्स-रे, सोनोग्राफी, हिमेटॉलॉजी पैथोलॉजी जैसे रेडियोलॉजी और पैथोलॉजी टेस्ट भी इनमें शामिल है।
हाई-एंड रेडियोलॉजिकल डाइग्नोस्टिक, हाई-एंड हिस्टोपैथोलॉजी (बायोप्सीज) और एंडवास्ड सिरोलॉजी इन्वेस्टीगेशन्स पैकेज अलग से एड-ऑन पैकेज के रूप में उपलब्ध कराया जा सकता है। शासन द्वारा निर्धारित दरों में कोविड-19 की जांच, हाई-एंड मेडिसीन्स, सीटी स्कैन और एमआरआई जैसे हाई-एंड डाइग्नोस्टिक टेस्ट तथा कोविड-19 मरीज की अन्य गंभीर बीमारियों (Comorbidity) के उपचार के लिए किया जाने वाला प्रोसिजर शामिल नहीं है। अस्पताल डेड-बॉडी के स्टोरेज एवं परिवहन के लिए अधिकतम ढाई हजार रूपए ले सकेंगे।
कोरोना मरीजों के इलाज के दौरान राज्य शासन के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा आईसीएमआर द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन अनिवार्य है। इनके उल्लंघन पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। राज्य शासन द्वारा निजी अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए आदेश एपेडेमिक डिसीज एक्ट-1897 और छत्तीसगढ़ पब्लिक एक्ट-1949 के अंतर्गत जारी किया गया है। इस आदेश का उल्लंघन एपेडेमिक डिसीज एक्ट-1897 तथा छत्तीसगढ़ पब्लिक एक्ट-1949 के तहत दंडनीय होगा।