केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की बेटी जल्द करेंगी बॉलीवुड में डेब्यू
मुंबई| केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की बेटी आरूषि निशंक जल्द ही बॉलीवुड में एंट्री करने जा रही हैं। आरूषि ने खुद ही इस बात की घोषणा की है। आरुषि ने इंस्टाग्राम पर अपनी फिल्म तारिणी का पोस्टर शेयर कर इसकी अनाउंसमेंट की है। यह फिल्म दुनिया के सामुद्रिक सफर पर निकली नौसेना की 6 जांबाज महिला अफसरों की यात्रा पर आधारित हैं। टी -सीरीज के साथ आरुषि निशंक इस फिल्म की प्रोड्यूसर भी हैं। आरुषि शिक्षामंत्री रमेश पोखरियाल और कुसुम कांता पोखरियाल की बड़ी बेटी हैं।
आरुषि निशंक नारी सशक्तिकरण, सामाजिक क्षेत्र और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में निरंतर सक्रिय हैं। आरुषि भारतीय क्लासिकल डांसर और पर्यावरणविद हैं। वे आरुषि हिमालयन आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल इन देहरादून की चेयरपर्सन भी हैं। कथक में महारत हासिल कर चुकीं आरुषि बिरजू महाराज की शिष्या रही हैं। उन्होंने ‘गंगा अवतरण’ जैसे डांस परफॉर्मेंस को कोरियोग्राफ किया है। 2017 में उन्हें उत्तराखंड की शान अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है।
आरुषि की निजी जिंदगी के बारे में चर्चा करें तो छह साल पहले 24 जनवरी 2015 में उनकी शादी अभिनव पंत से हुई है! फिल्मों के प्रति आरुषि का यह रुझान पहले से ही था। 2018 में उन्होंने अपने पिता रमेश पोखरियाल के जीवन पर आधारित क्षेत्रीय फिल्म ‘मेजर निराला’ को प्रोड्यूस किया था। वे स्पर्श गंगा अभियान की राष्ट्रीय संयोजिका भी हैं। आए दिन वे इस कैंपेन के लिए कुछ ना कुछ काम करती नजर आ जाती हैं।
इस कैंपेन की शुरूआत रमेश पोखरियाल ने 2009 में की थी। कैंपेन का मूल उद्देश्य गंगा नदी के प्रति लोगों में जागरुकता फैलाना है। आरुषि निशंक को साल 2020 में शिकागो में आयोजित अमेरिकी वीमेन्स डे पर टॉप 20 ग्लोबल वीमेन अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है। उनका नाम गंगा संरक्षण एवं संवर्धन, जलवायु परिवर्तन एजुकेटर और ग्रीन इंडिया में गर्ल चाइल्ड प्रमोशन के लिए कार्य करने के लिए विश्व की शीर्ष 20 महिलाओं की श्रेणी में नामित किया था।
गौरतलब है कि तारिणी दुनिया के सामुद्रिक सफर पर निकली पहली, नेवी की 6 जांबाज महिला अफसरों पर आधारित एक फिल्म हैं। 19 सितंबर 2017 में वर्तिका जोशी, प्रतिभा जामवाल, पी. स्वाति, एस विजया, ऐश्वर्य और पायल गुप्ता ने भारतीय नौ सेना की सेलिंग नौका आईएनएसव्ही तारिणी पर अपना सफर गोवा से शुरू किया था और 19 मई, 2018 को वे 21,600 नॉटिकल माइल्स की दूरी तय करके वापस आई थीं। लगभग 254 दिनों के इस सफर के बाद इन 6 नेवी महिला अफसरों ने अपने नाम को इतिहास के पन्नों में भी दर्ज करा लिया।