VIDEO: सुकमा में नक्सली फरमान के बाद 3 परिवारों ने को छोड़ना पड़ा गाँव, मुखबिरी करने का आरोप लगाकर नक्सलियों ने की थी एक की हत्या
सुकमा। जिले में नक्सलियों के द्वारा बड़े केडवाल में रह रहे 3 परिवार को गांव छोड़ने का फरमान सुना दिया। जिसके बाद यह परिवार तत्काल गांव से छोड़कर सुकमा के पास परिजनों के यहां पहुंच शरण ली। वही एक परिवार के सदस्य की बीते नवंबर माह में पुलिस मुखबिरी के आरोप में हत्या कर दी। बलराम की हत्या जन अदालत लगाकर माता-पिता एवं पत्नी के सामने ही हत्या कर दी। इस घटना के बाद से पूरा परिवार सदमे में है।
पीड़ित परिवारों ने बताया कि 17 नवंबर 2020 को पोडियामी बलराम की हत्या माओवादी के द्वारा जन अदालत लगाकर कर दी गई थी। जिसके बाद नक्सलियों ने परिवार को गांव से छोड़कर जाने के लिए कह दिया। परिजनों ने बताया ही बलराम गाय चराने के लिए गया हुआ था इस दौरान उसने नक्सली उठाकर ले गए। नक्सलियों के द्वारा परिजनों एवं आसपास के गांव के लोगों को सूचना दी और जन अदालत लगाया गया। जन अदालत में बलराम को पुलिस मुखबिरी का आरोपी नक्सलियों के द्वारा बताया गया और उसकी हत्या करने की सजा सुना दी गई। परिजनों एवं आसपास के ग्रामीण बलराम को छोड़ने के लिए मिन्नतें करते रहे, लेकिन नक्सलियों ने किसी की एक न सुनी और बलराम को मुखबिर बताकर उसके ऊपर डंडे से कई वार किए और उसके शरीर पर गर्म तेल डाल गया। और उसके बाद भी मौत नही हुई तो उसकी गला रेतकर हत्या कर दी।
बलराम की हत्या उसके माता-पिता एवं पत्नी और मासूम बच्चे के सामने ही जन अदालत में किया गया। बलराम के बूढे माता-पिता इस घटना का जिक्र करते हुए बेटे की हत्या उनकी आंखें ही कर दी। इस घटना की दर्द माता पिता के आंखों में साफ दिख रहा था। गांव छोड़ चुके परिवार ने बताया कि इस इलाके में अक्सर लोगों पर मुखबिरी एवं किसी ना किसी तरह का आरोप लगाकर नक्सली मारपीट करते आ रहे हैं और किसी ना किसी को गांव छोड़कर जाना पड़ रहा है अब तक कई परिवार गांव छोड़कर जा चुके हैं जिसमें से कई लोगों को रातों-रात ही गांव छोड़कर भागने पर भी मजबूर होना पड़ा है। वहीं अगर किसी को गांव से बाहर भी जाना पड़े तो इसके लिए वह नक्सलियों से अनुमति लेना पड़ता है यहां तक कि कोई गांव में बीमार होता है तो उसके इलाज के लिए बाहर ले जाने के किए भी अनुमति लेने की जरूरत पड़ती है तब जाकर कहीं लोग इलाज के लिए गांव से बाहर जा पाते हैं।
एक सप्ताह में गांव खाली करने का दिया था अल्टीमेटम
पीड़ित परिवार ने बताया कि नक्सलियों के द्वारा उन्हें गांव छोड़ने के लिए एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया था। वहीं पिछले शनिवार को नक्सलियों द्वारा उन्हें गांव छोड़ने के लिए शुक्रवार तक का वक्त दिया था।जिस पर पीड़ित परिवारों ने गुरुवार को 5 ट्रैक्टर लेकर गाँव गए और शुक्रवार को सामान लादकर पीड़ित परिवार वापस अपने परिजन यहाँ पहुँचे है। उसमे से दो परिवार उड़ीसा के बटनवाडा गए। और एक परिवार सुकमा के कुड़केल में है।
वर्जन।
एसपी केएल ध्रुव ने बताया कि बड़ेकेडवाल के 3 परिवारों को नक्सलियों ने गांव से भगा दिया है। जानकारी मिली है, जिसमें से एक परिवार के सदस्य की बीते माह नवम्बर में नक्सलियों ने हत्या कर दी है।