किसान आंदोलन: कुंडली बॉर्डर पर जमा हुए 65 हजार से ज्यादा किसान, बातचीत का सिलसिला जारी
नई दिल्ली। कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर चल रहा किसानों का आंदोलन लंबा होता जा रहा है और सरकार से लगातार बातचीत के बाद भी कृषि कानूनों को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं हो सका है। हालांकि किसानों व सरकार के बीच थमा बातचीत का सिलसिला दोबारा से शुरू हुआ है, लेकिन उसके बीच ही किसान लगातार आंदोलन को बढ़ाने में लगे है।
कुंडली बॉर्डर पर शुरुआत में 25 हजार किसानों ने आंदोलन शुरू किया था जो 15 दिन बाद दोगुने हो गए थे। वहीं अब अचानक ही किसान बढ़ गए हैं और वहां नए साल पर करीब 65 हजार से ज्यादा किसान पहुंचे है। जबकि वहां नया साल मनाने आए किसान अलग है जो बॉर्डर पर एक-दो दिन रहकर वापस लौट जाएंगे। जिस तरह से लगातार बॉर्डर पर किसान पहुंच रहे है, उससे वहा पहले से डटे किसानों व संगठनों के नेताओं का हौसला भी बढ़ रहा है।
यह किसानों का आंदोलन है और किसान अपने हक की लड़ाई के लिए लगातार बॉर्डर पर पहुंच रहे है। किसान पंजाब, हरियाणा, यूपी, दिल्ली, राजस्थान तक से यहां आ रहे है, जिससे किसान लगातार बढ़ते जा रहे है और उससे आंदोलन भी बड़ा होता जा रहा है।
सरकार से बातचीत चल जरूर रही है, लेकिन सरकार के पिछले रवैये को देखकर लगता नहीं कि वह मांगों को मानेगी। लेकिन हम सरकार से मांग करते है कि जिस तरह से किसान कड़ाके की ठंड में सड़क पर रह रहे है, उनकी परेशानी को देखते हुए सरकार को एक कदम आगे बढ़ते हुए किसानों की मांग को मानकर कानून रद्द करने चाहिए।