रामायण सर्किट से जुड़ेगा भारत से श्रीलंका तक का सफर… पढे पूरी खबर
नई दिल्ली। मोदी सरकार अयोध्या को आध्यात्मिकता के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में भी पहचान दिलाएगी। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय इसका खाका तैयार कर रहा है। इसके तहत अयोध्या के बारे में तो दुनिया जानती है, लेकिन भक्तों और दर्शकों को उन अनजाने स्थलों से भी रूबरू करवाया जाएगा, जहां भगवान श्रीराम से नाता रहा है। इसमें 14 साल के वनवास के दिनों से लेकर श्रीलंका का सफर भी शामिल होगा।
अतिरिक्त महानिदेशक रुपिंदर बराड़ के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या नगरी का विकास होगा। इसमें केंद्र सरकार के साथ-साथ उत्तर प्रदेश सरकार मिलकर काम करेगी। अयोध्या नगरी में भगवान रामलला का मंदिर, हनुमान गड़ी मंदिर, सरयू नदी के घाट, मां सीता की रसोई, कनक भगवन,श्रीनागेश्वरनाथ मंदिर, तुलसी उद्यान, मनीपर्वत मंदिर, राम की पौड़ी, अम्माजी मंदिर, तुलसी स्मारक, त्रेतामंदिर आदि की जानकारी तो मिलेगी।
इसके अलावा भगवान श्रीराम किन-किन स्थलों पर गए हैं, उन्हें रामायण सर्किट में जोड़ा जाएगा। रामायण सर्किट बनाने का काम मंत्रालय ने शुरू कर दिया है। वहीं,युवा पर्यटकों के लिए भी अलग तरह से योजना बन रही है। अतुल्य भारत के तहत केंद्र सरकार विदेशों में भारत के पर्यटन स्थलों की जानकारी देती है। इसी में 2021 से तिरुपति बालाजी, सिद्धि विनायक, बनारस, हरिद्वार, केदानाथ, शिरड़ी की तर्ज पर अयोध्या को भी जोड़ेगी। आने-जाने से लेकर अन्य जानकारियां भी मुहैया करवायी जाएगी।