December 24, 2024

सूरजपुर स्तिथ राष्ट्रपति भवन में मनाया गया प्रथम राष्ट्रपति स्व॰ राजेन्द्र प्रसाद का जन्मदिन

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संवादता:  इमाम हसन

सूरजपुर: देश के प्रथम राष्ट्रपति स्व॰ राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल का आज जन्मदिन जिले के राष्ट्रपति भवन में मनाया गया। बता दें ये वही राष्ट्रपति भवन है जहा 22 नवम्बर सन 1952 में स्व राजेन्द्र प्रसाद एक रात के लिए रुके और वनों में निवास करने वाले पंडो जनजाति को दत्तक पुत्र बनाकर उनको समाज के मुख्य धारा से जोड़ने की शुरुआत किए थे।

देश का राष्ट्रपति भवन जहाँ भारत के महामहिम के लिए बना है और तस्वीरों में दिखाई दे रहा राष्ट्रपति भवन देश का दूसरा राष्ट्रपति भवन है जिसे देश के पहले राष्ट्रपति स्व राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल की याद में बनाया गया है। जहाँ राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहलाने वाले पंडो जनजाति के लोग आज उनके जन्मदिन पर उनकी तस्वीर की पूजा करने के बाद केक काटकर जन्मदिन मनाया।

दरअसल 22 नवम्बर 1952 को सरगुजा रियासत के दौरे में जाने के दौरान स्व राजेन्द्र प्रसाद ने सूरजपुर के पण्डोनगर जंगलो में निवास करते पंडो जनजाति को देख वहा रुक गए और छोटी सी कुटिया में रात भी गुजारा जिसके बाद पंडो जनजाति के उत्थान और विकास के लिए उन्हें गोद लेकर दत्तक पुत्र भी बनाया,,जिसके बाद से ही पंडो जनजाति के विकास के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैवही जिस कुटिया में राजेन्द्र प्रसाद ने रात गुजारे थे पंडो जनजाति के लोगो ने उसका नाम राष्ट्रपति भवन रखा और तब से लेकर आज तक हर साल राजेन्द्र प्रसाद के जन्मदिन को उत्सव की तरह पंडो समुदाय के लोग मनाते है।

सूरजपुर के पंडोनगर स्थित राष्ट्रपति भवन को राजेन्द्र प्रसाद के याद में 68 सालों से पंडो जनजाति के लोग सहेज के रखे है और धीरे धीरे पर्यटन के रूप में विकसित भी कर रहे है ,,लेकिन दूसरी ओर आज भी 68 साल बाद पंडो जनजाति का जो विकास होना था और जो योजनाओं का लाभ उन्हें मिलना था वो लाभ से अब भी पंडो समुदाय वंचित है और समुदाय के पदाधिकारी अब भी मायूस है लेकिन पिता तुल्य स्व राजेन्द्र प्रसाद के उपकार को पंडो जनजाति कभी नही भूलने की बात करते नजर आए,,,बहरहाल भले ही पंडो जनजाति के आधिकांश ग्रामीण आधुनिकता के दौर से दूर है,,ऐसे में भी राजेन्द्र प्रसाद के जन्मदिन को उत्सव की तरह मनाना अब इनकी परम्परा बन चुकी है।

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