दिल्ली सरकार की नई पहल, 1 करोड़ से ज्यादा युवाओं को दिलाएंगे रोजगार….UNICEF के साथ किया करार
नई दिल्ली: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि आज के दौर में रोजगार के अवसर बढ़ाना पूरी दुनिया के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा चर्चा दो बातों पर हो रही है। पहली बात यह कि कोरोना की वैक्सीन कब तक आएगी, दूसरी बात यह कि लोगों को रोजगार कैसे मिलेगा? उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीन की तरह युवाओं के लिए रोजगार का उपाय करना भी जरूरी है।
इसके लिए दिल्ली सरकार लगातार गंभीर कदम उठा रही है। उपमुख्यमंत्री ने दिल्ली सचिवालय में यूनिसेफ के साथ एमओयू साइन करने के मौके पर कहा कि आज पूरी दुनिया एक असाधारण स्थिति से गुजर रही है। हमें भी ऐसे मौके पर असाधारण कदम उठाने होंगे। उन्होंने यूनिसेफ के साथ एमओयू को युवाओं के लिए रोजगार का वैक्सीन बताया। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस साझेदारी से दिल्ली के बेरोजगार युवाओं को उनकी योग्यता के अनुरूप रोजगार मिलने के साथ ही उद्यमियों को भी उनकी जरूरत के अनुसार मैनपावर हासिल करने में मदद मिलेगी।
यूनिसेफ के साथ एमओयू किया साइन: डायलॉग एंड डिवेलपमेंट कमिशन ऑफ दिल्ली ने यूनिसेफ के साथ एमओयू साइन किया। इस पर डीडीसी दिल्ली के उपाध्यक्ष जस्मिन शाह और यूनिसेफ इंडिया के प्रतिनिधि डॉ. यास्मीन अली हक ने साइन किया। इस एमओयू के तहत यूनिसेफ की ‘युवा‘ पहल के माध्यम से दिल्ली सरकार के ‘रोजगार बाजार पोर्टल‘ को अधिक प्रभावी बनाया जाएगा। जुलाई 2020 में इसे शुरू किया गया था।
दिल्ली के युवाओं के लिए खुशखबरी: इस साझेदारी को दिल्ली के युवाओं के लिए खुशखबरी बताते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि देश अभी बेरोजगारी और कोरोना के रूप में दो बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है। पूरी दुनिया कोविड-19 के वैक्सीन का इंतजार कर रही है, लेकिन बेरोजगारी की समस्या का समाधान किसी साधारण वैक्सीन से नहीं हो सकता है। बेरोजगारी के समाधान के लिए हमें विभिन्न प्रयासों के माध्यम से एक साथ आने की जरूरत है।
रोजगार पोर्टल पर 13 लाख युवाओं ने कराया पंजीकरण: डीडीसी के उपाध्यक्ष जस्मिन शाह ने कहा कि ‘युवा‘ के साथ यह साझेदारी दिल्ली सरकार के लिए एक अच्छा अवसर है। इससे हमें रोजगार संबंधी चुनौतियों से निपटने के लिए टिकाऊ और युवा केंद्रित समाधान बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इतनी कम अवधि में रोजगार पोर्टल पर अब तब लगभग 13 लाख युवाओं ने पंजीकरण कराया है और लगभग 8 लाख वैकेंसी की इंट्री हुई है।