वीडियो: बलौदाबाजार में माफिया खोरों का धड़ल्ले से फल-फूल रहा हैं कालाबाजारी का कारोबार: शराब की तय कीमत से वसूला जा रहा हैं ज्यादा कीमत… देखें भूपेश एक्सप्रेस की स्टिंग ऑपरेशन
बलौदाबाजार: जिले में शराब माफिया का कालाबाजारी का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा हैं। शराब की तय कीमत से 10 से 20 रुपए ज्यादा की वसूली की जा रही है और ग्राहकों द्वारा सवाल पूछे जाने पर कहते हैं- ‘लेना हैं तो लो, वरना जाओ’। बता दें बलौदाबाजार में शराब का कारोबार सुमीत कंपनी के द्वारा संचालित किया जा रहा हैं। सुमीत कंपनी के स्टाफ और आबकारी विभाग से अधिकारियों के मिलीभगत से ये गोरखधंधा का खेल खेला जा रहा है।
देखें ग्राहको को कैसे प्रताड़ित किया जा रहा हैं::
दरअसल जिले में 36 अंग्रेजी और विदेशी शराब की दुकानें है। आप को बता दे प्रदेश में शराब की ओवर रेट को लेकर सरकार ने टोल फ्री नम्बर जारी किया गया है । जिसके बाद भी ये तस्कर बेख़ौफ़ होकर दिन हो या फिर रात बे धड़क शराब को ओवर रेट में बेच रहे है । ये पूरा खेल हमारे केमेरा में कैद हैं… किस तरह दुकान के कर्मचारियों से पूछने से ये बोला जाता है लेना है तो लो या फिर चले जाओ कई लोग लाइन पर है।
बलौदाबाजार जिले में बढ़ते कालाबाजारी को देखते हुए, अधिकारियों से संज्ञान लेने के लिए हमारे संवाददाता ने बलोदाबाजार के आबकारी अधिकारी को फोन लगाया तो साहब इतने बड़े है कि फोन नही उठाते। जब सुमित कंपनी के GM सिद्धार्थ सिंघानिया को चल रहे धंधे की जानकारी दी गई तो उन्होंने पलड़ा झड़ते हुए कहा- ‘आप मामले की विडियो भेजिए हम कार्यवाही करेंगे।’
अब सवाल ये उठता हैं कि वीडियो भेजने के बाद ही कार्यवाही होती हैं? या अपने स्टाफ को भेजकर उचित कार्यवाही अथवा मामले की जांच क्यों नहीं करवाई जा रही है। यह साफ हैं कि जिले में शराब की कालाबाजारी कंपनी तथा अधिकारियों के मिली भगत से किया जा रहा हैं। बता दें जिले में शराब की कालाबाजारी बाहरी लठैत अहिन्दर सिंह और तपन के मिलीभगत से ये खेल, खेला जा रहा है जबकि ये दोनों कंपनी के कर्मचारी नही है। इस मसले को लेकर GM सिंघानिया से बात की गई तो उन्होंनो बताया दोनों शख्श कंपनी के नही है।
आखिर कार इन माफिया के ऊपर किसका हाथ है। बिना आबकारी अधिकारी और सुमीत कंपनी के मिली भगत से गोरखधंधा नही चल सकता… आखिरकार 10-20 रुपए अधिक वसूलकर करोड़ो रुपए का बंदरबाट किया जा रहा है। बता दे कि शराब दुकान में ओवर रेट को लेकर ज्यादा सवाल पूछने से ग्राहको के साथ मारपीट भी हो चुकी है आखिर इतनी दबंगई कैसे? क्या सरकार को इसकी जानकारी हैं? क्या आबकारी विभाग इस कालाबाजारी से अवगत हैं?