मधुमेह के मरीजों के लिए रामवाण हैं ये चार दालें
आजकल डायबिटीज एक आम समस्या बन गई है। इस बीमारी में रक्त में शर्करा स्तर बढ़ जाता है। वहीं, अग्नाशय से इंसुलिन हार्मोन निकलना बंद हो जाता है। विशेषज्ञों की मानें तो व्यक्ति अपनी डाइट में जो भी कार्बोहाइड्रेट्स लेता है। उनमें ग्लूकोज की अधिकता होती है और जब यह ग्लूकोज टूटता है, तो इंसुलिन हार्मोन ग्लूकोज का इस्तेमाल ऊर्जा उत्पादन के लिए करता है।
हालांकि, टाइप 2 डायबिटीज के मरीज के शरीर से इंसुलिन हार्मोन नहीं निकलता है। जबकि रक्त में शर्करा स्तर बढऩे लगता लगता है। इससे शरीर के कई अंग और ऊतक प्रभावित होते हैं। इसके लिए डायबिटीज के मरीजों को खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। भारतीय व्यंजनों में दाल का विशेष महत्व है। दिन और रात दोनों समय दाल का यूज किया जाता है। अगर आप भी डायबिजीज के मरीज हैं और अपना ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करना चाहते हैं, तो इन 4 दालों को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।
आइए जानते हैं:
चना दाल का सेवन करें: चना दाल में ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम होता है। चना दाल में ग्लाइसेमिक इंडेक्स 8 होता है। इसमें प्रोटीन अधिक मात्रा में पाया जाता है। साथ ही फॉलिक एसिड पाया जाता है जो नई कोशिकाओं, विशेष रूप से लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है।
मूंग दाल का सेवन करें: मूंग दाल सेहत के लिए फायदेमंद होती है। इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स 38 होता है। साथ ही प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो कि ह्रदय के लिए फायदेमंद होता है। इडली, डोसा और सांभर बनाने में उड़द दाल का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स 43 होता है। इस दाल में भी प्रोटीन पाया जाता है। साथ ही उड़द दाल त्वचा के लिए फायदेमंद होती है।
छोले खाएं: इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स 33 होता है। जबकि छोले में फाइबर, प्रोटीन, विटामिन्स और मिनरल्स पाए जाते हैं। अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं और ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करना चाहते हैं, तो अपनी डाइट में छोले को जरूर शामिल करें।