December 24, 2024

सात महीने के अंतराल के बाद “हुनरहाट” की पुनर्वापसी

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सात महीने के अंतराल के बाद “हुनरहाट” की पुनर्वापसी

नई दिल्ली : केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज यहां कहा कि दस्तकारों का शानदार स्वदेशी उत्पाद ही “हुनर हाट” की “लोकल शान” और “ग्लोबल पहचान” हैं।

नकवी ने आज केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं अल्पसंख्यक कार्य राज्यमंत्री श्री किरेन रिजिजू के साथ दिल्ली हाट, पीतमपुरा में 11 से 22 नवम्बर, 2020 तक आयोजित किये जा रहे “हुनर हाट” का उद्घाटन किया।

“हुनर हाट” के उद्घाटन के अवसर पर पत्रकारों से बात करते हुए श्री नकवी ने कहा कि “हुनर हाट”, “लोकल के लिए वोकल” के संकल्प के साथ देश के दस्तकारों, शिल्पकारों के स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने और “आत्मनिर्भर भारत” मिशन को मजबूत करने का प्रभावी प्लेटफार्म साबित हो रहा है।

नकवी ने कहा कि कोरोना की चुनौतियों के चलते लगभग 7 महीनों के बाद “हुनर हाट” का आयोजन होने से देश के लाखों स्वदेशी विरासत के उस्ताद दस्तकारों, शिल्पकारों में उत्साह और ख़ुशी का माहौल है।

नकवी ने कहा कि दिल्ली हाट, पीतमपुरा में “हुनर हाट” में “माटी, मेटल और मचिया (लकड़ी-जूट के सामान)” के उत्पादन प्रमुख आकर्षण का केंद्र हैं। इस “हुनर हाट” में मिट्टी से बने अद्भुत खिलौने एवं अन्य आकर्षक उत्पाद, कुम्हार कला की जादूगरी, मेटल से बने विभिन्न उत्पाद और देश के कोने-कोने से लकड़ी, जूट, बेंत-बांस से बने दुर्लभ हस्तनिर्मित उत्पाद प्रदर्शनी एवं बिक्री के लिए उपलब्ध हैं।

नकवी ने बताया कि इस बार से “हुनर हाट” में प्रदर्शित सामान को ऑनलाइन खरीदने की भी सुविधा दी जा रही है। यह “हुनर हाट” ई-प्लेटफार्म एवं वर्चुअल प्लेटफार्म पर भी उपलब्ध है। http://hunarhaat.org पर भी कारीगरों के उत्पाद प्रदर्शनी एवं बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। “हुनर हाट” के दस्तकारों और उनके स्वदेशी हस्तनिर्मित उत्पादों को “जेम” (गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस) में रजिस्टर किया जा रहा है।

नकवी ने कहा कि देश के हर क्षेत्र में देशी उत्पादन की बहुत पुरानी और पुश्तैनी परंपरा रही है, वह लुप्त हो रही थी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा स्वदेशी उत्पादों को प्रोत्साहित करने के आह्वान ने भारत के स्वदेशी उद्योग में नई जान डाल दी है।

नकवी ने कहा कि देश का हर क्षेत्र, लकड़ी, ब्रास, बांस, शीशे, कपडे, कागज़, मिटटी के शानदार उत्पाद बनाने वाले “हुनर के उस्तादों” से भरपूर है। इनके इस शानदार स्वदेशी उत्पादन को मौका-मार्किट मुहैया कराने के लिए “हुनर हाट” बड़ा प्लेटफार्म है। स्वदेशी उत्पादों की आकर्षक पैकेजिंग के लिए भी विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से दस्तकारों-शिल्पकारों की मदद की जा रही है।

नकवी ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में 5 लाख से ज्यादा भारतीय दस्तकारों, शिल्पकारों को रोजगार के अवसर प्रदान करने वाले “हुनर हाट” के दुर्लभ हस्तनिर्मित स्वदेशी सामान लोगों में काफी लोकप्रिय हुए हैं। देश के दूर-दराज के क्षेत्रों के दस्तकारों, शिल्पकारों, कारीगरों, हुनर के उस्तादों को मौका-मार्किट देने वाला “हुनर हाट” स्वदेशी हस्तनिर्मित उत्पादनों का “प्रामाणिक ब्रांड” बन गया है। श्री नकवी ने कहा कि आने वाले दिनों में “हुनर हाट” का आयोजन जयपुर, चंडीगढ़, इंदौर, मुंबई, हैदराबाद, लखनऊ, दिल्ली (इंडिया गेट), रांची, कोटा, सूरत/अहमदाबाद में होगा।

नकवी ने कहा कि कोरोना की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए “हुनर हाट” में सोशल डिस्टेंसिंग एवं अन्य दिशा-निर्देशों का पूरी मुस्तैदी से पालन किया जा रहा है।

नकवी ने कहा कि पीतमपुरा में आयोजित “हुनर हाट” में 100 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं। इस “हुनर हाट” में विभिन्न राज्यों से मिट्टी एवं मेटल से बने खिलौने, असम के ड्राई फ्लावर्स; आंध्र प्रदेश के पोचमपल्ली इक्कट; बिहार की मधुबनी पेंटिंग्स; दिल्ली की कैलीग्राफी पेंटिंग; गोवा से हैंड ब्लॉक प्रिंट; गुजरात से अजरख; जम्मू-कश्मीर से पश्मीना शॉल; झारखण्ड से तुसार सिल्क और बेंत-बांस से निर्मित उत्पाद; कर्नाटक से लकड़ी के खिलौने; मध्यप्रदेश से हर्बल उत्पाद, बाघ प्रिंट, बटिक; महाराष्ट्र से बांस से निर्मित उत्पाद; मणिपुर से हस्तनिर्मित खिलौने; उत्तर प्रदेश से लकड़ी एवं कांच के खिलौने; आयरन निर्मित खिलौने आदि प्रदर्शनी एवं बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। इसके अलावा यहां आने वाले लोग बिहार, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, हरियाणा आदि के लजीज़ पारम्परिक पकवानों का आनंद भी ले सकेंगे। इसके अलावा देश के जाने-माने कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किये जाने वाले विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आकर्षण का केंद्र होंगे।

इस अवसर पर अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के सचिव श्री पी.के दास एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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