499 साल के बाद इस दीपावली पर बन रहा यह दुलर्भ संयोग
इस दीपावली ग्रहों का बड़ा खेल देखने को मिलेगा। दिवाली पर गुरु ग्रह अपने स्वराशि धनु और शनि अपने स्वराशि मकर में रहेगा, जबकि शुक्र ग्रह कन्या राशि में रहेगा। बताया जा रहा है कि दिवाली पर तीन ग्रहों का यह दुलर्भ संयोग 2020 से पहले 1521 में बना था। ऐसे में यह संयोग 499 साल बाद बन रहा है। दीपावली का त्योहार पंच महोत्सव होता है, लेकिन इस बार पांच दिन का न होते हुए चार दिन का महोत्सव होगा। 13 नवंबर को धनतेरस से दीप पर्व का शुभारंभ होगा, जो 16 नवंबर को भाई दूज के दिन संपन्न होगा।
धार्मिक मान्यता है कि जिस दिन सूर्यास्त के बाद एक घड़ी अधिक तक अमावस्या तिथि रहे, उस दिन दिवाली मनाई जाती है। कार्तिक अमावस्या के दिन माता लक्ष्मी धरती पर आती हैं। अमावस्या की रात्रि में ही माता धरती पर विचरण करती हैं। इसी वजह से यह त्योहार अमावस्या की रात को मनाना सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
लक्ष्मी पूजा
इस बार अमावस्या तिथि 14 नवंबर दोपहर 2:17 बजे से शुरू होगी और दूसरे दिन 15 नवंबर को सुबह 10:36 बजे तक रहेगी। यही वजह है कि माता लक्ष्मी का पूजन 14 नवंबर शनिवार को होगा। धार्मिक मान्यता है कि जिस दिन सूर्यास्त के बाद एक घड़ी अधिक तक अमावस्या तिथि रहे उस दिन दिवाली होती है।
धनतेरस
त्रयोदशी तिथि 12 नवंबर की रात 9:31 से शुरू होकर 13 नवंबर को शाम 6:00 बजे तक रहेगी। 13 नवंबर को ही प्रदोष व्रत भी रहेगा। ऐसे में 13 नवंबर को ही धनतेरस मनाई जाएगी, क्योंकि धनतेरस प्रदोष के दिन ही रहती है।