December 23, 2024

एसपी से पांच लाख की मांग, आबकारी उप निरीक्षक गिरफ्तार, 8 एसपी को भेजा था फर्जी नोटिस…

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कोरिया। छत्तीसगढ़ में कोरिया पुलिस ने आबकारी के उप निरीक्षक को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने आठ जिलों के पुलिस अधीक्षक को फर्जी नोटिस भेजा था। इतना ही नहीं आरोपी ने एसपी कोरिया को नोटिस में पांच लाख की मांग भी की थी। आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर जब उससे पूछताछ किया तो सच जानकार वो भी हैरान रह गए। आरोपी ने बताया कि पत्नी से उसका तलाक हो गया है और उसे परेशान करने के लिए उसने उसके नाम से फर्जी नोटिस जारी कर कोरिया एसपी सहित आठ जिलों के अधीक्षकों को भेजा था।

दरअसल, 16 अक्टूबर को पुलिस अधीक्षक कार्यालय कोरिया में एक स्पीड पोस्ट मिला। इस बंद लिफाफे पर प्रेषक के रूप में ‘अनीता प्रजापति, RTI कायकर्ता कोरबा’ का उल्लेख था। पुलिस अधीक्षक कार्यालय कोरिया के मुख्य लिपिक द्वारा जब इस लिफाफे को खोला गया, तो उसमें अधिवक्ता ओमप्रकाश जोशी द्वारा अनीता प्रजापति की ओर से पुलिस अधीक्षक, कोरिया को एक पंजीकृत सूचना पत्र भेजा गया था।

इस पत्र में, कथित अधिवक्ता द्वारा एसपी कोरिया पर कई मनगढंत एवं बेबुनियाद आरोप लगाए गए थे। साथ ही लिखा था कि RTI Activist के खाते में तीन दिनों के भीतर 5 लाख रूपये राशि जमा करने की चेतावनी दी गई थी।

इस मामले को गंभीरता से लेते हुए, पुलिस अधीक्षक कार्यालय के मुख्य लिपिक फ्रांसिस जेवियर बेक द्वारा मनगढंत पत्र पर वैधानिक कार्रवाई करने थाना प्रभारी बैकुंठपुर को आवेदन पत्र प्रेषित किया गया। थाना बैकुंठपुर ने इस मामले की जांच प्रारंभ की, जिसमें ज्ञात हुआ कि प्रार्थिया अनीता प्रजापति एवं उसके अधिवक्ता ओमप्रकाश जोशी ने पंजीकृत डाक को नहीं भेजा है। मामले में सूक्ष्मता से विवेचना करते हुये लिफाफे में उल्लेखित स्पीड पोस्ट नम्बर की मौके पर जाँच किया।

टेक्निकल इनपुट के आधार पर पता चला कि दिलीप प्रजापति नामक व्यक्ति अनीता प्रजापति का पूर्व पति था। उगाही पत्र पत्नि को प्रताड़ित करने की नीयत से फर्जी तौर पर बनाकर भेजा था।

उल्लेखनीय है कि दिलीप प्रजापति आबकारी विभाग में उप निरीक्षक के पद पर कार्यरत है जिसका अपनी पत्नि से विवाह विच्छेद हो चुका है और न्यायालय के आदेश के अनुसार उसे 14,000 रुपये प्रति माह का भुगतान करना पड़ रहा है, जिससे उसने प्रतिशोध की भावना से ऐसा कदम उठाया और 8 जिलों के पुलिस अधीक्षको को उगाही पत्र भेजा था। ताकि पत्नि पुलीसिया कार्रवाई से परेशान हो जाए।

जांच के दौरान यह भी पाया गया कि दिलीप प्रजापति ने अपनी पत्नी के मेन्टेनेंस के नाम पर न्यायालयीन मामले की पैरवी कर रहे अधिवक्ता ओमप्रकाश जोशी के नाम से फर्जी दस्तावेज तैयार कर पत्नि और उसके अधिवक्ता को फ़साने के लिए इस प्रकार की कूटरचना व आरोप पत्र तैयार किया था। इस प्रकरण में आरोपी दिलीप प्रजापति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 339, 318, 338, 336, 340, 308 BNS के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया। अपराध में प्रयुक्त कंप्यूटर, प्रिंटर, स्कैनर, फर्जी दस्तावेज और CCTV फुटेज जब्त कर लिए गए, और पर्याप्त सबूत मिलने पर 25 अक्टूबर को आरोपी की विधिवत गिरफ्तारी की गई। अन्य प्रभावित जिलों को भी यह सूचना दी जा रही है।

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