कूपर अस्पताल ने HRCM से कहा- हमें नहीं पता कि रिया मुर्दाघर आई थीं
अस्तपाल ने कहा- हमने कोई गलत काम नहीं किया
हमारे सहयोगी ‘टाइम्स नाउ’ की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य मानवाधिकार आयोग (MHRC) ने अस्पताल के डीन, एचओडी और मुंबई पुलिस को जवाब देने के लिए तलब किया था। इस दौरान मुंबई पुलिस से तो कोई नहीं आया, लेकिन अस्पताल के डीन और एचओडी आयोग के सामने जरूर पहुंचे। अस्पताल के डीन ने अपने जवाब में कहा कि उनकी तरफ से कोई ‘गलत काम’ नहीं किया गया। अस्पताल को इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि रिया चक्रवर्ती 15 जून को मुर्दाघर पहुंची थी।
आयोग ने मांगी डिटेल रिपोर्ट
अस्पताल का यह जवाब चौंकाने वाला है, क्योंकि सोशल मीडिया से लेकर तमाम मीडिया चैनलों पर रिया के मुर्दाघर जाने और बाहर निकलने का वीडियो मौजूद है। आयोग ने अस्पताल से मामले में डिटेल रिपोर्ट सौंपने को कहा था। इसमें सवाल किया गया कि किन परिस्थितियों में रिया चक्रवर्ती को 15 जून को मुर्दाघर जाने की इजाजत दी गई? आयोग ने 7 सितंबर को अस्पताल के डीन को कागजात और लिखित जवाब के साथ आने को कहा है।
‘रिया को हमने कोई परमिशन नहीं दी’
अपने जवाब में कूपर अस्पताल के डीन और एचओडी ने कहा कि रिया को अस्पताल प्रशासन की ओर से ऐसी कोई इजाजत नहीं दी गई थी। साथ ही यह भी कहा कि अस्पताल प्रशासन को 15 जून को रिया चक्रवर्ती के मुर्दाघर जाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है। बताया जाता है कि आयोग इस जवाब से जाहिर तौर पर नाखुश है। साथ ही अब सवाल यह भी है कि रिया को एंट्री मिली कैसे? क्या मुंबई पुलिस ने रिया को एंट्री दिलवाई? ये तमाम सवाल अब जांच का विषय हैं।
रिया खुद कह चुकी हैं- मैं मुर्दाघर गई थी
यह दिचलस्प है, क्योंकि रिया ने खुद इंटरव्यू में यह बात कही है कि वह 15 जून को अस्पताल गई थीं और उन्होंने सुशांत की लाश के पैर छुए थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, रिया वहां करीब 45 मिनट रुकी थीं। जबकि इसके लिए सुशांत के परिवार की इजाजत नहीं ली गई। मानवाधिकार आयोग ने अस्पताल से पूछा था कि क्या यह सुशांत के परिवार के अधिकारों का हनन नहीं है?
अस्पताल की अटॉप्सी रिपोर्ट पर उठे हैं सवाल
बता दें कि सुशांत मामले में कूपर अस्पताल में ही सुशांत की अटॉप्सी हुई थी। इस अटॉप्सी रिपोर्ट पर भी सवाल उठ रहे हैं। इससे पहले राज्य मानवाधिकार आयोग ने कूपर अस्पताल को एक नोटिस भी जारी किया था। रिया के अस्पताल जाने और बाहर निकलने के कई वीडियोज सामने आए। इसके बाद ही मानवाधिकार आयोग ने कूपर अस्पताल को नोटिस भेजा था।