हाथियों के संरक्षण में भारत की अग्रणी भूमिका: केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव
रायपुर – केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने आज छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में विश्व हाथी दिवस पर स्थानीय होटल में आयोजित राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और केन्द्रीय वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने आज ही नवा रायपुर स्थित अरण्य भवन में छत्तीसगढ़ में इलेक्ट्रॉनिक ऑक्शन प्रणाली का, वन विभाग द्वारा दो करोड़ रूपए की लागत से निर्मित अत्याधुनिक ऑडिटोरियम ‘दण्डकारण्य‘ का भी शुभारंभ किया। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप और सांसद बृजमोहन अग्रवाल, वन महानिदेशक एवं विशेष सचिव जितेन्द्र कुमार विशेष अतिथि के रूप में कार्यक्रम में उपस्थित थे।
केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए हाथियों के संरक्षण के लिए भारत की भागीदारी से किए गए प्रयासों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हाथियों के संरक्षण में भारत की अग्रणी भूमिका रही है। केन्द्रीय मंत्री यादव ने हाथियों के संरक्षण एवं मानव कल्याण सुनिश्चित करने के लिए अंतर-क्षेत्रीय जुड़ाव (क्रॉस सेक्टोरल एंगेजमेंट) की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंनेे कहा कि यदि हम हाथियों को बचाएंगे तो वन भी समृद्ध होंगे, क्योंकि हाथियों को ‘पारिस्थितिकी तंत्र के इंजीनियर‘ के रूप में जाना जाता है। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री ने देश में मानव-हाथी द्वंद को कम करने की आवश्यकता पर बल दिया।
कार्यक्रम में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, हाथी परियोजना के निदेशक रमेश पाण्डेय तथा छत्तीसगढ़ के प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख वी. श्रीनिवास राव, प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यप्राणी सुधीर अग्रवाल, वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण, वन्यप्राणी विशेषज्ञ, भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण, भारतीय प्राणी सर्वेक्षण, कृषि, विद्युत एवं रेल्वे विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने कहा कि भारत में जंगली हाथियों की सबसे बड़ी और सुरक्षित संख्या है। हाथियों की पिछली गणना अखिल भारतीय समन्वित हाथी गणना अनुमान 2017 के अनुसार, भारत में 29 हजार 964 हाथी हैं। भारत में हाथी गलियारों से संबंधित 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के 14 राज्यों में 33 हाथी रिजर्व (ईआर) और 150 हाथी गलियारे हैं। भारत में हाथियों को विभिन्न खतरों से कानूनी रूप से बचाने के लिए सर्वाेत्तम कानून बनाए गए हैं। हमारे देश में हाथियों के संरक्षण के लिए एक सुदृढ़ संस्थागत ढांचा भी मौजूद है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में हाथियों की सुरक्षा को देखते हुए बादल खोल, तमोर पिंगला को एलीफेंट रिजर्व बनाया गया है। अभी हाल ही में हमारी सरकार ने गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और तमोर पिंगला अभ्यारण्य के क्षेत्रों को मिलाकर टाइगर रिजर्व बनाने का बड़ा निर्णय लिया है। यह देश का तीसरा सबसे बड़ा तथा छत्तीसगढ़ का चौथा टाइगर रिजर्व होगा। इसके बनने से न केवल बाघों की संख्या बढे़गी अपितु हाथियों को भी सुरक्षित रहवास मिलेगा, इसके बनने से हाथी-मनुष्य द्वंद भी घटेगा। इसके साथ ही लेमरू हाथी रिजर्व क्षेत्र के माध्यम से सरगुजा, कोरबा, रायगढ़ जिलों में हाथियों के संरक्षण पर काम हो रहा है। हमारी छत्तीसगढ़ की संस्कृति में जनजातीय समुदाय हाथियों को बहुत शुभ मानते हैं।