छत्तीसगढ़ में अब वार्षिक पढ़ाई की जगह सेमेस्टर सिस्टम से होगी पढ़ाई, सिलेबस में भी किया गया बदलाव, जानें क्या है पूरा प्रावधान…
छत्तीसगढ़ में जुलाई से राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 प्रभावी हो जाएगी। समस्त पाठ्यक्रम क्रेडिट पर आधारित होने के साथ ही चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के अंतर्गत होंगे। सेमेस्टर सिस्टम के तहत अब विद्यार्थी 03/04 वर्षीय पाठ्यक्रम को अधिकतम 07 वर्षों में पूर्ण कर सकता है।
पाठ्यक्रम अवधि में विद्यार्थी “बहु-प्रवेश बहु-निकास” प्रावधान के अंतर्गत प्रथम वर्ष पूर्ण कर किसी कारणवश पढ़ाई छोड़ देता है तो उसे उस संकाय के अंतर्गत ‘सर्टिफिकेट’ दो वर्ष पूर्ण कर छोड़ने पर ‘डिप्लोमा’ की उपाधि दी जाएगी एवं तृतीय वर्ष पूर्ण। करने पर ‘आतक’ की उपाधि प्राप्त कर पाठ्यक्रम को छोड़ सकता है।
जिन विद्यार्थियों को विषय विशेष में विशेषज्ञता प्राप्त करने या शोध करने की इच्छा हो वे पाठ्यक्रम को निरंतर चौथे वर्ष में जारी कर सकते हैं। एवं ‘आनर्स/आनर्स विथ रिसर्च’ की उपाधि चौथे वर्ष में प्राप्त कर सकते हैं। इस नीति के अंतर्गत बहु-विषयक शिक्षा, वैचारिक समझ एवं आलोचनात्मक सोच, नैतिक मूल्यों के साथ कौशल विकास को भी पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया गया है।
सतत आतंरिक मूल्यांकन में 30% अंक एवं अंत सेमेस्टर परीक्षा में 70% अंकों का प्रावधान रखा गया है. विद्यार्थी को उत्तीर्ण होने के लिए इन दोनों को मिलाकर (आतंरिक एवं अंत सेमेस्टर परीक्षा) कुल 40% प्राप्त करना अनिवार्य होगा।