बलौदा बाजार हिंसा, जायजा लेने पहुंचे कांग्रेस नेता, भूपेश बघेल ने कहा- “कई लोग लापता”
बलौदा बाजार में हुई हिंसा के बाद इस पर सियासत तेज हो गई है. चारों तरह इस घटना की हलचल देखने को मिल रही हैं. वही इस घटना के बाद से आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया हैं. इसी कड़ी में आज पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत, के साथ कांग्रेस पार्टी के सभी 30 विधायक और नेतागण सैकड़ों गाड़ियों के काफिले के साथ बलौदाबाजार पहुंचे. यहां कांग्रेस के नेताओं ने सबसे पहले कलेक्ट्रेट परिसर और एसपी कार्यालय का जायजा लिया. इसके बाद हिंसा को लेकर कांग्रेस ने प्रेस कांफ्रेंस की.
प्रशासन की तरफ से कोई भी व्यवस्था नहीं थी- भूपेश बघेल
पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि आज तक के इतिहास में और देश के इतिहास में SP और कलेक्टर कार्यालय को फूंक दिया हो ऐसा कभी नहीं हुआ है. सभा स्थल से कलेक्टर की दूरी लगभग 2 किलोमीटर है. सभा में सुबह 10:00 से लोग आना शुरू हो गए थे. सभा में लोग अन्य जिलों से आए हुए थे. जानकारी यह भी है कि नागपुर से भी लोग आए थे. प्रशासन की तरफ से कोई भी व्यवस्था नहीं थी. कार्यालय को तोड़ा गया, आग लगा दिया गया, लेकिन प्रशासन हाथ पर हाथ धरी बैठी रही. जब 10:00 से भीड़ आनी शुरू हो गई थी. तब भी पुलिस प्रशासन की व्यवस्था नहीं थी. प्रशासन के पास कोई भी अल्टरनेटिव मैनेजमेंट नहीं था.
कई लोग लापता, पुलिस ने आम लोगों को पकड़-पकड़ अंदर किया
उन्होंने आगे कहा कि अभी पूरे बलौदाबाजार जिले में दहशत का वातावरण है. कोई भी कुछ कह नहीं रहा है. इस घटना के बाद बहुत से लोग लापता है. कल एक महिला आई थी. उसका पति लापता है. पति का फोन बंद आ रहा है. मुंगेली से एक व्यक्ति पिक्चर देखने आया था, पुलिस उसको सिनेमा हॉल से ही उठा कर ले गई. पुलिस ने रास्ते में पकड़-पकड़ कर आम लोगों को मारा और अंदर किया. पुलिस निरंकुश हो गई है. यह बहुत दुर्भाग्य जनक है. अगर समय रहते पुलिस व्यवस्था कर ली गई होती तो यह घटना घटित नहीं होती.
इस सरकार को एक भी मिनट भी अपने पद पर रहने का अधिकार नहीं – भूपेश बघेल
पूर्व सीएम ने कहा कि यह घटना छत्तीसगढ़ को कलंकित करने वाला कार्य हुआ है. आंख बंद कर SP और कलेक्टर बैठे रहे. क्या विभाग के मंत्री और अधिकारी को पता नहीं होगा. अपराधियों को सरकार पकड़े और उसे पर कड़ी कार्रवाई करें, लेकिन निर्देश लोगों के साथ गलत ना किया जाए. अपनी नाकामी को छिपाने के लिए पुलिस की बर्बरता की हम निंदा करते हैं. आम लोगों के साथ ऐसी बर्बरता नहीं होनी चाहिए. इस घटना के बाद जितने लोग लापता है उसकी सूची जारी करनी चाहिए. सरकार द्वारा अनरगल बयानबाजी और दोषारोपण गलत है. इस सरकार को अपने पद पर एक भी मिनट रहने का अधिकार नहीं है.