मोदी कैबिनेट में निर्मला, नड्डा समेत 11 मंत्री राज्यसभा से, चुनाव हारे दो नेताओं को भी मिला मौका… जानिए मंत्रिमंडल के सरप्राइज फैक्टर…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति भवन में अपनी नई कैबिनेट के साथ शपथ ली है। मोदी सरकार 3.0 में कुल मंत्रियों की संख्या 72 हैं, जिसमें 30 मंत्री कैबिनेट का हिस्सा हैं। नई कैबिनेट में करीब एक दर्जन मंत्री राज्यसभा से हैं।
इस बार मोदी कैबिनेट में कई सरप्राइज फैक्टर भी देखने को मिले हैं, जैसे दो चेहरे ऐसे हैं जिन्हें लोकसभा चुनाव में हार मिली है मगर इसके बावजूद उन्हें मंत्रिमंडल में जगह मिली है. इसके अलावा 11 चेहरे ऐसे हैं जो चुनाव नहीं लड़े लेकिन फिर भी उन्हें मंत्री बनाया गया है। ये सभी अलग-अलग राज्यों से राज्यसभा सदस्य हैं।
इन हारे हुए नेताओं को मिली जगह
एल मुरुगन- बीजेपी के राज्यसभा सांसद एल मुरुगन ने अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित नीलगिरि निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन डीएमके नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री डी राजा से 240585 वोटों से चुनाव हार गए थे। मुरुगन मोदी 2.0 में भी राज्य मंत्री रहे हैं और तब उन्हें पशुपालन, डेयरी और सूचना प्रसारण राज्य मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। वह भारतीय जनता पार्टी की तमिलनाडु इकाई के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं। अपने कॉलेज के दिनों से ही वह संघ के स्वयंसेवक रहे हैं। 2017 से 2020 तक राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) के उपाध्यक्ष भी रहे हैं।
रवनीत सिंह बिट्टू- लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी में शामिल हुए पूर्व कांग्रेस सांसद रवनीत बिट्टू को भी मोदी कैबिनेट में जगह मिली है। रवनीत सिंह बिट्टू पंजाब से आते हैं और उन्होंने लुधियाना से लोकसभा चुनाव भी लड़ा लेकिन कांग्रेस के अमरिंदर सिंह राजा वारिंग के हाथों 20942 वोटों से शिकस्त का सामना करना पड़ा. ऐसे में उन्हें राज्यसभा से संसद में भेजा जाना तय है।
जॉर्ज कुरियन- जॉर्ज कुरियन केरल बीजेपी के महासचिव हैं जिन्होंने रविवार को मंत्री पद की शपथ ली। गौर करने वाली बात ये है कि वह अभी तक किसी भी सदन (राज्यसभा/लोकसभा) के सदस्य नहीं हैं। त्रिशूर से सांसद सुरेश गोपी के अलावा केरल से दूसरे मंत्री बनाए गए हैं।
ये सभी 12 सांसद राज्यसभा से
मोदी कैबिनेट में एक दर्जन मंत्री ऐसे हैं जो राज्यसभा से आते हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर तक इस सूची में शामिल है। तो आईए जानते हैं मोदी 3.0 में कौन से मंत्री ऐसे हैं जो चुनाव लड़े बिना ही सीधे मंत्री बने हैं।
अश्विनी वैष्णव- अश्विनी वैष्णव मोदी 2.0 में भी कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं और उन्होंने इस दौरान रेल मंत्री रहने के साथ इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय संभाला था। वह ओडिशा से राज्यसभा सदस्य हैं। 1994 बैच के आईएएस अफसर रहे वैष्णव अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान पीएमओ में उपसचिव रहे हैं। उन्होंने 2010 में आईएएस की नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। बाद में वह राज्यसभा सांसद चुने गए।
निर्मला सीतारमण – निर्मला सीतारमण ने एक बार फिर मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री की शपथ ली। वह कर्नाटक से राज्यसभा सांसद हैं। 2006 में वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा BJP) में शामिल हुईं और 2010 में उन्हें पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता के रूप में नियुक्त किया गया। 31 मई 2019 को कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री और भारत के 28वें वित्त मंत्री के रूप में शपथ ली थी। उन्होंने भारत की दूसरी महिला रक्षा मंत्री के रूप में भी काम किया है।
सुब्रह्मण्यम जयशंकर- एस जयशंकर ने जनवरी 2015 से जनवरी 2018 तक विदेश सचिव के रूप में कार्य किया है। वह 1977 में भारतीय विदेश सेवा में शामिल हुए और 38 वर्षों से अधिक के अपने राजनयिक करियर के दौरान, उन्होंने 2007 से 2009 तक सिंगापुर में उच्चायुक्त, 2001 से 2004 तक चेक गणराज्य, 2009 से 2013 तक चीन और 2014 से 2015 तक संयुक्त राज्य अमेरिका में चेक गणराज्य में राजदूत रहे। 5 जुलाई 2019 को, उन्हें गुजरात राज्य से राज्यसभा सांसद चुना गया। इसके बाद उन्हें विदेश मंत्री बनाया गया।