Election 2024: दुर्ग के 6 दिग्गजों को भाजपा-कांग्रेस ने बाहर से दिया टिकट, क्या होगी बड़ी उलटफेर, जानिए वोटरों का मूड
Lok Sabha Election 2024: अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से ही सियासत में दुर्ग जिले की अलग पहचान कायम है। सत्ता चाहे किसी भी दल का हो, जिले का महत्वपूर्ण स्थान रहा है।
Chhattisgarh Lok Sabha Election 2024: अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से ही सियासत में दुर्ग जिले की अलग पहचान कायम है। सत्ता चाहे किसी भी दल का हो, जिले का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। अब लोकसभा चुनाव को लेकर दुर्ग जिला एक बार फिर चर्चा में है। छत्तीसगढ़ में दुर्ग एकमात्र जिला है, जहां के छह नेता राष्ट्रीय दलों के लोकसभा प्रत्याशी हैं। सभी अलग-अलग लोकसभा क्षेत्र से यानी बाहरी सीटों से सियासी मैदान में उतारे गए हैं। इनमें भाजपा से सरोज पांडेय व विजय बघेल और कांग्रेस से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पूर्व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, देवेंद्र यादव और राजेंद्र साहू शामिल हैं। इनमें राजेंद्र साहू और देवेंद्र यादव पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं।
विजय लगातार दूसरी बार पुराने चुनावी अखाड़े में
भाजपा ने मौजूदा सांसद विजय बघेल को दूसरी बार दुर्ग लोकसभा सीट से टिकट दिया है। पिछली बार उन्होंने छत्तीसगढ़ में सबसे अधिक 3 लाख 91 हजार 978 वोटों से चुनाव जीता था। वे भिलाई तीन चरोदा नगर पालिका के अध्यक्ष व पाटन विधानसभा के विधायक भी रह चुके हैं। वे कुर्मी समाज के प्रदेश अध्यक्ष हैं और समाज में उनकी खासी पैठ है। जातीय समीकरण के आधार पर ही भाजपा ने उनको रिपीट किया है। उनका मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र साहू से है। राजेंद्र पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। वे महापौर व दुर्ग शहर विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। वे प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री हैं। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक दुर्ग के अध्यक्ष रहे हैं। दुर्ग लोकसभा में कुर्मी व साहू समाज की संख्या सबसे अधिक है।
सरोज तीसरी बार मैदान में, जिले के बाहर पहली बार
भा जपा ने सरोज पांडेय को कोरबा लोकसभा सीट से मैदान में उतारा है। सरोज को राजनीति का लंबा अनुभव है। चुनाव लड़ने का तजुर्बा भी है। वे तीसरी बार लोकसभा का चुनाव लड़ रही हैं। इसके पहले दुर्ग लोकसभा से दो बार चुनाव लड़ चुकी हैं। इसमें एक बार जीत और एक बार हार मिली है। वे राज्यसभा सदस्य भी रह चुकी हैं। वे दो बार दुर्ग नगर निगम की महापौर और एक बार वैशाली नगर विधानसभा की विधायक भी रह चुकी हैं। लंबे समय तक दुर्ग व भिलाई जिला संगठन में उनका दबदबा रहा है। भाजपा की राष्ट्रीय महामंत्री व भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुकीं हैं। कोरबा का चुनाव उसके लिए बहुत अहम है। कोरबा में उनका मुकाबला वहां के वर्तमान सांसद व कांग्रेस प्रत्याशी ज्योत्सना महंत से है।
ताम्रध्वज भी दूसरी बार जंग में, जिले से बाहर पहली बार
पूर्व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू को कांग्रेस ने महासमुंद लोकसभा से प्रत्याशी बनाया है। अनुभवी साहू दूसरी बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। एक बार वे दुर्ग लोकसभा का सांसद रह चुके हैं। उन्होंने 2014 में पूरे देश में मोदी लहर के बाद भी भाजपा प्रत्याशी सरोज पांडेय को हराया था। तब छत्तीसगढ़ में एकमात्र कांग्रेस सांसद थे। महासमुंद में साहू समाज की बहुलता है। जातीय समीकरण के आधार पर ही कांग्रेस ने उन्हें महासमुंद भेजा है। वहां उनका मुकाबला भाजपा की रूपकुमारी चौधरी से है।
भूपेश तीसरी बार मैदान में, जिले से बाहर दूसरी बार
इस बार सबकी निगाहें राजनांदगांव लोकसभा सीट पर टिकी है। यहां से दुर्ग जिले के पाटन के विधायक व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मैदान में हैं। यह उनका तीसरा लोकसभा चुनाव है। पिछले दोनों लोकसभा चुनाव में उन्हें हार मिली थी। पहली बार दुर्ग लोकसभा से और दूसरी बार रायपुर लोकसभा से चुनाव हारे थे। इस बार उनका मुकाबला राजनांदगांव के मौजूदा सांसद व भाजपा प्रत्याशी संतोष पांडेय से है। राजनांदगांव लोकसभा में शामिल आठ विधानसभा में पांच में कांग्रेस का कब्जा है।